ग्राम समाचार,भागलपुर(बिहार)। अरुनुज फिल्म मेकिंग एंड एक्टिंग स्कूल के विद्यार्थी द्वारा टैक्स फ्री नाटक का मंचन दिल्ली में किया गया।
विद्यार्थी के उत्कृष्ट प्रदर्शनी के लिए विभिन्न आयामों में एप्रिसिएशन अवार्ड दिया गया। अतिथि के तौर पर आये लेखक शीतांशु अरुण ने विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। अरुनुज फिल्म्स और अरुनुज फिल्म मेकिंग एन्ड एक्टिंग स्कूल के निर्देशक अनुज कुमार रॉय ने अपने सम्बोधन में कहा की मुझे अपने विद्यार्थियों पर गर्व है।
विभिन्न्न जगहों पर काम कर संस्थान का नाम रौशन कर रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के निर्देशक अनुज कुमार रॉय, डॉक्टर विशाल अहलूवालिया और शीतांशु अरुण ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वल्लित कर किया। तत्पश्चात नाटक का मंचन किया गया। काले की भूमिका में ऋषव सिन्हा, जगताप की भूमिका में डॉक्टर सूरज आनंद, कांता की भूमिका में शाइनी साह, पंढरपुर की भूमिका में हर्षित तिवारी थे. लाइट और संगीत पर सागर शर्मा थे। नाटक का डिज़ाइन और डायरेक्शन अल्ताफ हुसैन कर रहे थे। इस नाटक के नाटककार डॉक्टर चंद्रशेखर फणसलकर हैं। अरुनुज फिल्म मेकिंग एन्ड एक्टिंग स्कूल ककरोला द्वारका दिल्ली द्वारा समय समय पर विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाने हेतु कार्यक्रम करते रहती हैं। विद्यार्थियों की उत्कृष्ट कार्य के लिए उसे सम्मानित भी करती है। इस बार विभिन्न आयामों में 10 लोगों का चयन किया गया। जिसमे गोकुल सिंह नेगी को फोटोग्राफी, विक्रांत कुमार को फिल्ममेकिंग, अल्ताफ हुसैन को प्ले डायरेक्शन, सागर शर्मा, राधिका गौतम और अभय सिंह को कैमरा एक्टिंग के लिए एप्रिसिएशन अवार्ड दिया गया। ऋषव सिन्हा, डॉक्टर सूरज आनंद, शाइनी साह और हर्षित तिवारी को थिएटर एक्टिंग के लिए एप्प्रिसशन अवार्ड दिया गया। अरुनुज फिल्म्स का ही एक विंग अरुनुज फिल्म मेकिंग एंड एक्टिंग स्कूल है जो एक्टिंग, फिल्ममेकिंग, फोटोग्राफी, वीडियो एडिटिंग और जनसंचार एवं पत्रकारिता की ट्रेनिंग करवाती है। अरुनुज फिल्म्स के निर्देशक अनुज कुमार रॉय ने कई फिल्मों का निर्माण एवं निर्देशन भी किया है। जिसे विभिन्न मंचों पर सम्मानित एवं सराहा भी गया है। नाटक में कई ऐसे पहलु आये जो लोगों को खिलखिला कर हसने पर मजबूर कर दिया। कभी हसना, कभी रोना, कभी सस्पेंस और अगले ही पल लोगों को सोचने पर मजबूर कर देना, सबों का मिश्रण को लोगों ने काफी एन्जॉय किया। इस नाटक में सभी कलाकार दिव्यांग (अंधे) का किरदार कर रहे थे। दर्शकों में ये सस्पेंस नाटक के अंत तक बना रहा की ये दिव्यांग नहीं हैं। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अनुज कुमार रॉय ने संस्थान के विगत दो वर्षों की उपलब्धि को बताया।
विद्यार्थी के उत्कृष्ट प्रदर्शनी के लिए विभिन्न आयामों में एप्रिसिएशन अवार्ड दिया गया। अतिथि के तौर पर आये लेखक शीतांशु अरुण ने विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। अरुनुज फिल्म्स और अरुनुज फिल्म मेकिंग एन्ड एक्टिंग स्कूल के निर्देशक अनुज कुमार रॉय ने अपने सम्बोधन में कहा की मुझे अपने विद्यार्थियों पर गर्व है।
विभिन्न्न जगहों पर काम कर संस्थान का नाम रौशन कर रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के निर्देशक अनुज कुमार रॉय, डॉक्टर विशाल अहलूवालिया और शीतांशु अरुण ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वल्लित कर किया। तत्पश्चात नाटक का मंचन किया गया। काले की भूमिका में ऋषव सिन्हा, जगताप की भूमिका में डॉक्टर सूरज आनंद, कांता की भूमिका में शाइनी साह, पंढरपुर की भूमिका में हर्षित तिवारी थे. लाइट और संगीत पर सागर शर्मा थे। नाटक का डिज़ाइन और डायरेक्शन अल्ताफ हुसैन कर रहे थे। इस नाटक के नाटककार डॉक्टर चंद्रशेखर फणसलकर हैं। अरुनुज फिल्म मेकिंग एन्ड एक्टिंग स्कूल ककरोला द्वारका दिल्ली द्वारा समय समय पर विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाने हेतु कार्यक्रम करते रहती हैं। विद्यार्थियों की उत्कृष्ट कार्य के लिए उसे सम्मानित भी करती है। इस बार विभिन्न आयामों में 10 लोगों का चयन किया गया। जिसमे गोकुल सिंह नेगी को फोटोग्राफी, विक्रांत कुमार को फिल्ममेकिंग, अल्ताफ हुसैन को प्ले डायरेक्शन, सागर शर्मा, राधिका गौतम और अभय सिंह को कैमरा एक्टिंग के लिए एप्रिसिएशन अवार्ड दिया गया। ऋषव सिन्हा, डॉक्टर सूरज आनंद, शाइनी साह और हर्षित तिवारी को थिएटर एक्टिंग के लिए एप्प्रिसशन अवार्ड दिया गया। अरुनुज फिल्म्स का ही एक विंग अरुनुज फिल्म मेकिंग एंड एक्टिंग स्कूल है जो एक्टिंग, फिल्ममेकिंग, फोटोग्राफी, वीडियो एडिटिंग और जनसंचार एवं पत्रकारिता की ट्रेनिंग करवाती है। अरुनुज फिल्म्स के निर्देशक अनुज कुमार रॉय ने कई फिल्मों का निर्माण एवं निर्देशन भी किया है। जिसे विभिन्न मंचों पर सम्मानित एवं सराहा भी गया है। नाटक में कई ऐसे पहलु आये जो लोगों को खिलखिला कर हसने पर मजबूर कर दिया। कभी हसना, कभी रोना, कभी सस्पेंस और अगले ही पल लोगों को सोचने पर मजबूर कर देना, सबों का मिश्रण को लोगों ने काफी एन्जॉय किया। इस नाटक में सभी कलाकार दिव्यांग (अंधे) का किरदार कर रहे थे। दर्शकों में ये सस्पेंस नाटक के अंत तक बना रहा की ये दिव्यांग नहीं हैं। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अनुज कुमार रॉय ने संस्थान के विगत दो वर्षों की उपलब्धि को बताया।
- बिजय शंकर, ग्राम समाचार, भागलपुर।
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