ग्राम समाचार,भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में आयोजित तीन दिवसीय ‘‘कृषि इनक्यूवेशन सेन्टर को सुदृढ़ करने एवं क्षमता निर्माण‘‘ विषय पर एक कार्यशाला आज संपन्न हो गया। कार्यशाला सबौर एग्री इनक्यूवेटर और बिहार कृषि विकास व सुधार परियोजना (बागरी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गयी।
कार्यशाला में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के वैज्ञानिकों और कृषि उद्यमिता प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। कार्यशाला में ग्रीनविच विश्वविद्यालय, लंदन के डॉ. टिम चान्सलर, निदेशक, क्षमता विकास व प्रो0 जॉन लिंटन, व्यवसायिक निदेशक और डा0 के0 पी0 सी0 राव, वरिष्ठ सलाहकार, बागरी ने भाग लिया। कार्यशाला में बिहार राज्य के संदर्भ में कृषि इनक्यूवेटर के स्वरूप, उद्यमिता के नवाचार, चुनौतियॉ, कृषि इनक्यूवेटर को आवश्यकतायें, व्यवसायिक मॉडल, वित्त की उपलब्धता व प्रबंधन, बाजार प्रबंधन, बौद्धिक सम्पदा अधिकार आदि विषयों पर चर्चा की गयी। कार्यशाला के उद्धाटन सत्र की अध्यक्षता डॉ0 आर0 आर0 सिंह, अधिष्ठाता कृषि ने की। उन्होंने अपने अभिभाषण में बागरी को सबौर में इस विषय पर कार्यशाला आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि यह विषय अत्यन्त समसामयिक है, क्योंकि बिहार कुषि विष्वविद्यालय, सबौर को पिछले वर्ष कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक सबौर एग्री इनक्यूवेटर परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में कृषि उद्यमिता के विकास हेतु एक वातावरण तैयार करना और इच्छुक उद्यमियों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करना है। डा0 टिम ने अपने सम्बोधन में कार्यशाला के उद्देश्य की चर्चा की और कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर डा0 ए0 के0 सिंह के प्रति सबौर में इस कार्यशाला के आयोजन की सहमती प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। समापन समारोह अध्यक्षता कुलपति, डा0 ए0 के0 सिंह ने की। इस अवसर पर निदेशक अनुसंधान, डा0 आइ0 एस0 सोलंकी भी उपस्थिति थे। डा0 सोलंकी ने सबएग्री टीम को इस कार्यशाला के आयोजन हेतु किये प्रयासों को सराहना की। डा0 टिम ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य में कृषि उद्यमिता की असीम सम्भावनाएं हैं। अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति ने बागरी को इस विषय पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए बधाई दी और संतोष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इससे लाभान्वित हुए होंगे और विश्वविद्यालय के इनक्यूवैशन कार्यक्रम को नई दिशा और बल मिलेगा। कार्यशाला का समन्वय संयुक्त रूप से अविनाश कुमार, प्रबंधक व निवेदिता पूजा, सलाहकार, बागरी और डा0 एम0 के0 वाधवानी मुख्य अन्वेशक व डा0 एम0 रहमान, सह अन्वेशक, सबएग्रीस ने किया। कार्यशाला में राज्य के इनक्यूवेटरों का एक नेटवर्क बनाने की बात कही गयी ताकि संसाधनों का समुचित उपयोग राज्य में उद्यमिता विकास हेतु किया जा सके। सबौर एग्री इनक्यूवेटर (सबएग्री) यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आर0के0वी0वाई0-रफतार परियोजना अन्तर्गत स्वीकृत एक परियोजना है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में कृषि क्षेत्र में उद्यमिता विकास का वातावरण तैयार करना और इच्छुक उद्यमियों को तकनिकी प्रशिक्षण के साथ साथ व्यवसाय सम्बन्धी अन्य विषयों पर प्रशिक्षित करना है। इसके अन्तर्गत दो महिने के दो प्रशिक्षण का प्रावधन है। कृषि उद्यमिता ओरियेन्टेशन कार्यक्रम और स्टार्टअप कृषि व्यवसाय इनक्यूवेशन कार्यक्रम। दोनों कार्यक्रमों अन्तर्गत प्रशिक्षणार्थियों का चुनाव उच्च स्तरीय समितियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में दोनों कार्यक्रमों अन्तर्गत क्रमश: ।। और 15 प्रषिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं।
बिजय शंकर, ग्राम समाचार, भागलपुर
कार्यशाला में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के वैज्ञानिकों और कृषि उद्यमिता प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। कार्यशाला में ग्रीनविच विश्वविद्यालय, लंदन के डॉ. टिम चान्सलर, निदेशक, क्षमता विकास व प्रो0 जॉन लिंटन, व्यवसायिक निदेशक और डा0 के0 पी0 सी0 राव, वरिष्ठ सलाहकार, बागरी ने भाग लिया। कार्यशाला में बिहार राज्य के संदर्भ में कृषि इनक्यूवेटर के स्वरूप, उद्यमिता के नवाचार, चुनौतियॉ, कृषि इनक्यूवेटर को आवश्यकतायें, व्यवसायिक मॉडल, वित्त की उपलब्धता व प्रबंधन, बाजार प्रबंधन, बौद्धिक सम्पदा अधिकार आदि विषयों पर चर्चा की गयी। कार्यशाला के उद्धाटन सत्र की अध्यक्षता डॉ0 आर0 आर0 सिंह, अधिष्ठाता कृषि ने की। उन्होंने अपने अभिभाषण में बागरी को सबौर में इस विषय पर कार्यशाला आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि यह विषय अत्यन्त समसामयिक है, क्योंकि बिहार कुषि विष्वविद्यालय, सबौर को पिछले वर्ष कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक सबौर एग्री इनक्यूवेटर परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में कृषि उद्यमिता के विकास हेतु एक वातावरण तैयार करना और इच्छुक उद्यमियों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करना है। डा0 टिम ने अपने सम्बोधन में कार्यशाला के उद्देश्य की चर्चा की और कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर डा0 ए0 के0 सिंह के प्रति सबौर में इस कार्यशाला के आयोजन की सहमती प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। समापन समारोह अध्यक्षता कुलपति, डा0 ए0 के0 सिंह ने की। इस अवसर पर निदेशक अनुसंधान, डा0 आइ0 एस0 सोलंकी भी उपस्थिति थे। डा0 सोलंकी ने सबएग्री टीम को इस कार्यशाला के आयोजन हेतु किये प्रयासों को सराहना की। डा0 टिम ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य में कृषि उद्यमिता की असीम सम्भावनाएं हैं। अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति ने बागरी को इस विषय पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए बधाई दी और संतोष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इससे लाभान्वित हुए होंगे और विश्वविद्यालय के इनक्यूवैशन कार्यक्रम को नई दिशा और बल मिलेगा। कार्यशाला का समन्वय संयुक्त रूप से अविनाश कुमार, प्रबंधक व निवेदिता पूजा, सलाहकार, बागरी और डा0 एम0 के0 वाधवानी मुख्य अन्वेशक व डा0 एम0 रहमान, सह अन्वेशक, सबएग्रीस ने किया। कार्यशाला में राज्य के इनक्यूवेटरों का एक नेटवर्क बनाने की बात कही गयी ताकि संसाधनों का समुचित उपयोग राज्य में उद्यमिता विकास हेतु किया जा सके। सबौर एग्री इनक्यूवेटर (सबएग्री) यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आर0के0वी0वाई0-रफतार परियोजना अन्तर्गत स्वीकृत एक परियोजना है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में कृषि क्षेत्र में उद्यमिता विकास का वातावरण तैयार करना और इच्छुक उद्यमियों को तकनिकी प्रशिक्षण के साथ साथ व्यवसाय सम्बन्धी अन्य विषयों पर प्रशिक्षित करना है। इसके अन्तर्गत दो महिने के दो प्रशिक्षण का प्रावधन है। कृषि उद्यमिता ओरियेन्टेशन कार्यक्रम और स्टार्टअप कृषि व्यवसाय इनक्यूवेशन कार्यक्रम। दोनों कार्यक्रमों अन्तर्गत प्रशिक्षणार्थियों का चुनाव उच्च स्तरीय समितियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में दोनों कार्यक्रमों अन्तर्गत क्रमश: ।। और 15 प्रषिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं।
बिजय शंकर, ग्राम समाचार, भागलपुर
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