Current Affairs : ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 23 जनवरी 2019 को ब्रिटिश सरकार के ब्रेक्जिट कानून को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ब्रेक्जिट विधेयक को ब्रिटेन की संसद ने 22 जनवरी 2020 को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही 31 जनवरी को ब्रिटेन यूरोपीय संघ (EU) से बाहर निकल जायेगा। इसके साथ ही ब्रेक्जिट विधेयक अब कानून बनने के लिए तैयार है।
ब्रिटेन संसद का निचला सदन सदन हाउस ऑफ कॉमंस 09 जनवरी 2020 को ईयू से निकलने से संबंधित ब्रेग्जिट विधेयक पर अपनी मुहर लगा चुका था। अब संसद के ऊपरी सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भी इस बिल को मंजूरी मिल गई है। इसी के साथ ब्रिटेन के 31 जनवरी को यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह कदम ऐतिहासिक है, क्योंकि यह समझौता ब्रिटिश संसद में एक साल से अधिक समय से अटका हुआ था।
ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन (EU) से अलग होने वाला पहला देश बन जाएगा। ब्रेक्जिट समझौते के पक्ष में 330 वोट जबकि विरोध में 231 वोट पड़े थे। ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमंस ने 09 जनवरी 2020 को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ईयू से अलग होने के समझौते को 231 के मुकाबले 330 मतों से मंजूरी प्रदान कर दी। ब्रेक्जिट पर सांसदों की मंजूरी के बाद ब्रिटेन के 31 जनवरी को यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
ब्रेक्जिट क्या है?
ब्रेक्जिट का मतलब है ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से बाहर निकलना। ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का निर्णय लिया है। बाहर निकलने की यह प्रक्रिया 'ब्रेक्जिट' के नाम से जानी जाने लगी है। इसके पहले 23 जून 2016 को जनमत संग्रह में ब्रिटेन के 51।89 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में मत दिया था।
गृह मंत्रालय ने 23 जनवरी 2020 को सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2020 के विजेताओं की घोषणा की। उत्तराखंड के आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र और भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी के मुन्नन सिंह को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार हेतु चुना गया है।
उत्तराखंड (संस्था श्रेणी में) और कुमार मुन्नन सिंह (व्यक्तिगत श्रेणी) को आपदा प्रबंधन में उनके सराहनीय कार्य के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार हेतु चुना गया है। इस पुरस्कार की घोषणा प्रति वर्ष 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर की जाती है।
उद्देश्य
इस पुरस्कार का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को पहचानना है। सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के द्वारा उन व्यक्तियों तथा संस्थानों को सम्मानित किया जायेगा जिन्होंने ने आपदा प्रबंधन में देश में बेहतरीन काम किया है। इस वर्ष पुरस्कार प्रदान करने की योजना को अधिक लोकप्रियता मिली है। पुरस्कारों के लिए नामांकन 01 अगस्त 2019 से शुरू हुआ था। नामांकन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2019 थी।
साल 2020 के विजेताओं के बारे में
आपदा शमन और प्रबंधन केंद्र, उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार के अंतर्गत राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यों का निर्वहन आपदा शमन एवं प्रबंधन केंद्र (डीएमएमसी) करता है। यह 2006 में स्थापित किया गया था। तब से, इसने साल 2010, साल 2012 और साल 2013 में आपदा की प्रमुख घटनाओं के बाद समन्वय, सूचना के आदान-प्रदान और मीडिया ब्रीफिंग से संबंधित विभिन्न कार्यों को पूरा किया है।
एनडीएमए के समर्थन से डीएमएमसी राज्य, जिला और तहसील स्तर पर मॉक अभ्यास आयोजित कर रहा है। यह राज्य सरकार के अधिकारियों को आपदा मोचन प्रणाली (आईआरएस) हेतु प्रशिक्षित किया है तथा तहसील स्तर तक घटना प्रतिक्रिया प्रशिक्षण (आईआरटी) का आयोजन किया है। डीएमएमसी ने छात्रों हेतु अनुसंधान सुविधाओं का विस्तार किया है तथा समीक्षा की गई वैज्ञानिक पत्रिकाओं में 50 से अधिक पेपर प्रकाशित किए हैं।
कुमार मुन्नन सिंह: कुमार मुन्नन सिंह को साल 2004 में हिंद महासागर सुनामी के दौरान उनके सराहनीय कार्यों के बाद साल 2005 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संस्थापक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। एनडीएमए में, उन्होंने अपनी विशिष्ट विशेषज्ञ आपदा मोचन बल, राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल को स्थापित करने हेतु श्रमसाध्य प्रयासों की शुरुआत की।
पुरस्कार सम्मान
संस्था के विजेता होने की स्थिति में, उसे एक प्रमाणपत्र तथा 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। यह नकद पुरस्कार केवल आपदा प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों हेतु विजेता संस्था द्वारा उपयोग किया जाएगा। विजेता के व्यक्तिगत होने के मामले में, उसे प्रमाणपत्र तथा पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
इस पुरस्कार के लिए संस्थानों और व्यक्तियों से लगभग 330 नामांकन प्राप्त हुए थे। पुरस्कार के चयन हेतु दो उच्च स्तरीय समितियों द्वारा नामांकन की घोषणा की गई थी। साल 2019 के लिए, गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 8वीं बटालियन को आपदा प्रबंधन में अपने सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कार हेतु चुना गया था।
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