ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा)।ललमटिया कोयला खादान में खुदाई के दौरान तीस फीट नीचे से निकला पुराने घर का अवशेष, इस तरह की खबरों से क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
यह मामला गोड्डा जिला में स्थित राजमहल परियोजना ललमटिया कोयला खदान में चल रहे उत्खनन कार्य के दौरान पुराने घर के अवशेष मिला हैं। शुक्रवार को बसडीहा मौजा में ईसीएल द्वारा कोयला निकालने के लिए मिट्टी का खुदाई किये जा रहे थे जहाँ उत्खननह कार्य में मोटे मोटे लकड़ी,बीम,बरगा,हाथों से डिजाईन किये हुए पुराने काल के अवशेष मिला हैं। साथ ही उस जगह पर मिट्टी के घड़ा का भी अवशेष मिला है यह अवशेष 30 फीट के गहराई से ईसीएल के गाड़ियों से मिट्टी खुदाई के दौरान निकला है।
आप इस तस्वीर को देख सकते हैं लकड़ी की जो बनावट है वह किसी घर के ही लग रहे है जो पुराने काल में यहां भी घर हुआ करते थे। इस मोटे मोटे लकड़ी के कलाकृति को देखने से पता चल रहा है कि पुराने काल में यहां भी घर था। अब सवाल खड़ा हो रहे है कि अगर इस खुदाई के दौरान बारिक से जांच किया जाए तो बहुत से अनसुलझे रहस्य भी मिल सकता है। आसपास गांव के लोग देखने के लिए पहुंच रहे हैं लोगों का भी मानना है कि यहां और भी बहुत सारे पुराने काल के अवशेष निकल सकते हैं।
यह मामला गोड्डा जिला में स्थित राजमहल परियोजना ललमटिया कोयला खदान में चल रहे उत्खनन कार्य के दौरान पुराने घर के अवशेष मिला हैं। शुक्रवार को बसडीहा मौजा में ईसीएल द्वारा कोयला निकालने के लिए मिट्टी का खुदाई किये जा रहे थे जहाँ उत्खननह कार्य में मोटे मोटे लकड़ी,बीम,बरगा,हाथों से डिजाईन किये हुए पुराने काल के अवशेष मिला हैं। साथ ही उस जगह पर मिट्टी के घड़ा का भी अवशेष मिला है यह अवशेष 30 फीट के गहराई से ईसीएल के गाड़ियों से मिट्टी खुदाई के दौरान निकला है।
आप इस तस्वीर को देख सकते हैं लकड़ी की जो बनावट है वह किसी घर के ही लग रहे है जो पुराने काल में यहां भी घर हुआ करते थे। इस मोटे मोटे लकड़ी के कलाकृति को देखने से पता चल रहा है कि पुराने काल में यहां भी घर था। अब सवाल खड़ा हो रहे है कि अगर इस खुदाई के दौरान बारिक से जांच किया जाए तो बहुत से अनसुलझे रहस्य भी मिल सकता है। आसपास गांव के लोग देखने के लिए पहुंच रहे हैं लोगों का भी मानना है कि यहां और भी बहुत सारे पुराने काल के अवशेष निकल सकते हैं।
-ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा)।
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