उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्रीमती नैन्सी सहायता द्वारा जानकारी दी गयी कि इसी तरह प्रवासी मजदूर जो को विभाजित -19 वैश्विक महामारी लाकडाउन के कारण तेलंगाना, आन्ध्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात आदि राज्यों से वापस देवघर लौटे। है। साथ ही जिनके पास मत्स्य प्रक्षेत्र में कार्य करने का अनुभव हो उन्हें मत्स्य विभाग के तरफ से सूचीबद्ध कर मत्स्यपालन से प्रभावित होने वाले का विचार किया जा रहा है।
वर्तमान में मछली पालन व्यसाय के माध्यम से बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं, वहीं गांव के तालाब, बंजर पड़ी पंचायती जमीन पर बनायी तालाबों से जल संचयन और आय के साधन भी बढ़ रहे हैं।
हमारी अर्थव्यवस्था में मछली पालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। ग्रामीण विकास और अर्थव्यवस्था में मछली पालन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मछली पालन के द्वारा रोजगार सृजन और आय में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं, ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े हुए लोगों में आमतौर पर आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर तबके के हैं जिनका जीवन स्तर इस व्यवसाय को बढ़ावा देता है। देने से उठ सकता है।
मत्स्योद्योग एक महत्वपूर्ण उद्योग के अंतर्गत आता है और इस उद्योग को शुरू करने के लिए कम पूंजी की आवश्यकता होती है। इस कारण इस उद्योग को आसानी से शुरू किया जा सकता है।
इसके अलावे जैसे मत्स्य मित्र मित्रों को चिह्नित किया जाता है कि यदि वे मत्स्य पालन से जुड़ने की इच्छा रखते हो और मछली पालन को स्वरोजगार के रूप में निराना चाहते हैं, तो मत्स्य कार्यालय से कार्य दिवस में निम्न चरण में मोबाईल नम्बर पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं। हैं।
1. श्री रमेंद्र नाथ सहायता, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी - 9431368205
2. श्री राकेश कुमार, मत्स्य प्रसार प्रहरी - 9934236233
मछली पालन एक शेरो
● सुलभ, सस्ता और अधिक आय देने वाला
● स्वरोजगार उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण योजना
● संगठित तरीकों से व्यवसाय की शुरुआत
● अनुकूल प्राकृतिक स्थिति
● पूरे समाज की बेशरी
● लाभार्जन करने वाले सहायक उद्योग है।
- ग्राम समाचार (देवघर)।
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