ग्राम समाचार मिहिजाम:
वैश्विक महामारी कोविड 19 के चलते देशभर में 22 मार्च से लॉक डाउन किया गया। इसी लॉक डाउन में मिहिजाम में उड़ीसा के कुछ परिवार भी फंस गए। ये परिवार मिहिजाम एवम आस पास के इलाकों में घूम घूम कर कपड़े का फेरी का काम करते थे। लॉक डाउन होने के कारण इनका काम बंद हो गया। साथ ही आर्थिक संकट के कारण दो वक़्त के भोजन का भी संकट हो गया और परिवार भुखमरी के कगार पर आ गई। समाजसेवी राकेश लाल को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने अविलंब इन परिवारों को खाद्यान्न की व्यवस्था की। लगभग पिछले तीन महीने से झारखंड जन जागृति मंच के संयोजक राकेश लाल ने इन परिवारों का देख भाल एवम भरण पोषण किया। लाल ने कहा कि परिवार के लोगो ने अपनी व्यथा सुनाई और घर वापस जाने की इच्छा जताई। सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते समुचित व्यवस्था नहीं होने तक इनका और इनके परिवार का भरण पोषण किया।
जब ट्रेनों की परिसेवा का संचालन आरंभ हुई तो इनके जाने के लिए टिकट का व्यवस्था किया। निजी वाहन किराए पे लेकर इन्हें गोमोह जंक्शन तक पहुंचाया जाएगा जहां से ये भुवनेश्वर जाएंगे, और वहां से अपने गांव। ये उड़ीसा के बेहरामपुर निकट गंजाम जिले के रहने वाले हैं। कुल तीन पुरुष दो महिला और पांच की संख्या में बच्चे है। जिनमे दो शिशु है। आगे लाल ने कहा विभिन्न संगठन राजनैतिक दलों द्वारा इस लॉक डाउन में जरूरतमंदो को सेवा प्रदान की गई। सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते मुझसे जो बन पड़ा मैंने प्रयास किया । झारखंड जन जागृति मंच के सभी कार्यकर्ताओं एवं सभी लोग जो इस नेक कार्य में मदद किए उनका बहोत आभारी हूं। ये हमारे जिले एवं राज्य की तरफ से एक अच्छा संदेश है, और जो भी लोग हमारे राज्य से दूसरे राज्यो में फसे हैं, उन्हें भी वहां के सामाजिक कार्यकर्ता एवं विभिन्न संगठनों द्वारा मदद करनी चाहिए। परिवार के सदस्य विजया दास, दासू सबासिनी, शंकर राव, गीतांजलि आदि ने राकेश लाल का आभार व्यक्त किया। मौके पर शुभकामाएं देने काफी लोग आए जिनमें दुलाल भंडारी, चंद्रशेखर साव, अभिषेक सिंह उर्फ खोखा आदि उपस्थित हुए।
रोहित शर्मा, ब्यूरो, जामताड़ा
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