Pakur News: अमड़ापाड़ा हुल दिवस के मौके पर आदिवासी परंपरागत के साथ कोरोना जागरण यात्रा का स्वागत किया गया
ग्राम समाचार, पाकुड़। हुल दिवस के मौके पर गोटा भारोत सिद्धू कान्हू हुल बैसी दुमका के बैनर तले कोरोना जागरण पदयात्रा निकाला गया। डॉक्टर आनंद मोहन सोरेन के नेतृत्व में दुमका के पोखरा चोक स्थित सिद्धू कान्हू के आदमकद प्रतिमा पर रविवार को माल्यार्पण के पश्चात निकले इस पदयात्रा का समापन 30 जून को बरहेट के भोगनाडीह में शहीद स्थली में जाकर खत्म होगा। कोरोना जागरण यात्रा के सभी सदस्यों का अमड़ापाड़ा दुर्गामंदिर के समीप आदिवासी परम्परा के अनुसार स्वागत किया गया। आदिवासी यूथ क्लब अमड़ापाड़ा के द्वारा सभी पदयात्रियों का परम्परागत तरीके से स्वागत के दौरान सोशल डिस्टेंस का भी पूरा ख्याल रखा गया। मौके पर पदयात्रा के नेतृत्वकर्ता डॉ आनंद मोहन सोरेन ने कहा कि आज जिस आजादी की हवा में हम सांस ले रहे हैं वो हमारे अमर शहीद और आजादी के बिगुल फूंकने वाले नायक शहीद सिद्धू कान्हू की ही देन है। अगर उन्होंने अंग्रेजों के दमनकारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन नहीं किया होता तो हम आजादी की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। 30 जून 1855 को वीर शहीदों ने भोगनाडीह से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत की थी। ईस्ट इंडिया कम्पनी के दमनकारी नीतियों के खिलाफ युद्व में करीब 20 हजार आदिवासियों ने अपनी जान गँवाई थी। मौजूदा दौर में भय भूख और भ्रष्टाचार के खिलाफ फिर एक हुल की आवश्यकता है। मौके पर आदिवासी यूथ क्लब अमड़ापाड़ा के चन्दर मुर्मु, प्रधान मुर्मु, बेंजामिन मरांडी,सचिन मराण्डी, गणेश मुर्मु,मंगल मुर्मु, राजेश मुर्मु रायसन मुर्मु के आलवे अन्य लोग मौजूद थे।
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