ग्राम समाचार, पाकुड़। अमड़ापाड़ा स्थानीय नॉर्थ कोल माइंस के आवंटी डब्लूबीपीडीसीएल एवम एमडीओ बीजीआर के रवैये के विरुद्ध पचुवाड़ा के परगना पायसिल हेम्ब्रम तथा कार्यकारी ग्राम प्रधान श्रील हेम्ब्रम ने रविवार को प्रेसवार्ता किया ।
अमड़ापाड़ा धर्मशाला में परगना व ग्राम प्रधान ने बताया कि कोयला परिवहन के आठ माह बाद भी पचुवाड़ा के विभिन्न छोटे - बड़े ग्यारह टोलों के विस्थापित एवम प्रभावित ग्रामीणों को प्रबंधन ने कोई बुनियादी सुविधा मुहैया नहीं कराया है. सैकड़ों परिवारों को न तो पेयजल न बिजली न स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाएँ , न सड़क और न ही रोजगार उपलब्ध कराया. एग्रीमेन्ट का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. सीएसआर या माईनिंग रूल के मुताबिक बुनियादी सुविधा से अबतक वंचित हैं। कई बार अनुरोध के बावजूद प्रबंधन ग्रामीणों को समग्र नागरिक सुविधाओं से वंचित रखा हुआ है । परगना व प्रधान ने बताया कि हम ग्रामीण अब एकजुट हो लोकतांत्रिक तरीके से प्रबंधन की नीतियों के विरोध को मजबूर हो चुके हैं । सर्वसम्मति से आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है । कोल प्रबंधन के अड़ियल रवैये के खिलाफ पीएमओ , मानवाधिकार , खनन मंत्रालय इत्यादि को पत्र भेजने की तैयारी की जा रही है । कहा कि हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जबतक कंपनी हमारी माँगों को धरातल पर नहीं उतार देती । प्रेस वार्ता में यह भी बताया गया कि 28 जून से ग्रामीणों ने कोयला लिंक पथ पर कोयला परिचालन बंद करने को ले चक्का जाम का ऐलान किया था । किंतु , लॉकडाउन को ले प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी । हमलोगों ने प्रशासनिक निर्देशों का अनुपालन किया एवं इस कार्यक्रम को तत्काल स्थगित कर दिया ।
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