ग्राम समाचार,पथरगामाः- अंग्रेज के जमाने का बना हुआ गोड्डा-पथरगामा मुख्य पथ एन एच 133 पर बना पथरगामा का सांपीन नदी का पुल रखरखाव के अभाव में जर्जर होता जा रहा है।पुल के दोनों तरफ सुरक्षा की दृष्टि से लगाया गया गार्ड पिलर अब गिनती के महज दो-तीन ही बचे हैं।पुल बड़े-बड़े गड्ढों से अटा पड़ा है।इन गड्ढों से होकर सकुशल वाहन निकाल ले जाना चुनौती भरा होता है।इन गड्ढों से बचने के चक्कर में कई वाहन पुल से नीचे गिर चुका हैं।बरसात के दिनों में दुर्घटनाएं ज्यादा घटती है क्योंकि इन गड्ढों में पानी भर जाने से दिखाई नहीं पड़ता है।सड़क को बार बार बनाया जाने और पुल का पिच उखड़ जाने के चलते सड़क ऊंचा और पुल नीचा हो गया है।इसके चलते पुल में घुसना और पुल से निकलना बरसात में ही नहीं आम दिनों में भी जोखिम भरा हो गया है।सबसे गौरतलब बात यह है कि इसी पुल होकर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा ललमटीया स्थित ईसीएल का ओपन कास्ट कोयला खदान के लिए बड़े-बड़े वाहनों का आवागमन होता है।ऐसे में इतने महत्वपूर्ण पुल का रखरखाव नहीं किया जाना लोगों को हैरत में डाल रहा है।लोग शायद यही सोच रहे होंगे कि जब तक इस पुल पर कोई बड़ी दुर्घटना नहीं घटेगी तब तक इसका कायाकल्प नहीं होगा।स्थानीय सोनू कुमार भगत,सुशील कुमार भगत,तरुण मिश्रा, निरंजन भुवानिया,दीपनारायण साह,नंदलाल भगत,शचिन्द्र चौबे,सुबोध साह आदि ने पुल मरम्मत कराए जाने की मांग की है।
-: अमन राज/शशि कुमार,पथरगामा :-
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें