ग्राम समाचार, भागलपुर। गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी के प्रांगण में रविवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव का प्रारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भागलपुर के शारीरिक प्रमुख सोनू कुमार, विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य रामजी प्रसाद सिन्हा, पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगाकोठी के प्रधानाचार्य रंजीत कुमार आचार्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर सोनू कुमार ने कहा कि गुरु पूर्णिमा उत्सव गुरु के प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है। गुरु ही अपने शिष्य को ज्ञान रूपी प्रकाश देकर, अज्ञानता के अंधकार से बाहर निकालते हैं। बिना उनके मार्गदर्शन के सफलता प्राप्त नहीं हो सकती। गुरु वही है जिससे हम कुछ ऐसा सीखें जिससे आध्यात्मिक उन्नति हो सके। गुरु के सानिध्य व्यक्ति सदमार्ग पर चलकर मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। गुरु शिक्षा में व्यापार नहीं होना चाहिए। गुरु चरणों में शिष्यों को ज्ञान, शांति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। जीवन में हम जो कुछ भी प्राप्त करते हैं कहीं न कहीं गुरु की कृपा का फल है। गुरु वह है जिनका नाम सुनते ही हृदय में सम्मान का भाव जगता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी व्यक्ति को गुरु न मानकर तत्व को अर्थात भगवा ध्वज को गुरु मानते हैं। भगवा ध्वज को हम श्रद्धापूर्वक अपना मार्गदर्शक या गुरु मानते हुए आज के दिन भगवा ध्वज का पूजन करते हुए गुरु के प्रति समर्पण का भाव प्रस्तुत करते हैं। आज के इस उत्सव में गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी एवं पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगाकोठी के प्रधानाचार्य, आचार्य/आचार्या एवं कर्मचारियों द्वारा गुरु भगवा ध्वज को एक एक करके पुष्प अर्पण किया गया। अंत में संघ प्रार्थना के पश्चात कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा हुई।
Bhagalpur News:मनाया गया गुरु पूर्णिमा उत्सव
ग्राम समाचार, भागलपुर। गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी के प्रांगण में रविवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव का प्रारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भागलपुर के शारीरिक प्रमुख सोनू कुमार, विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य रामजी प्रसाद सिन्हा, पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगाकोठी के प्रधानाचार्य रंजीत कुमार आचार्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर सोनू कुमार ने कहा कि गुरु पूर्णिमा उत्सव गुरु के प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है। गुरु ही अपने शिष्य को ज्ञान रूपी प्रकाश देकर, अज्ञानता के अंधकार से बाहर निकालते हैं। बिना उनके मार्गदर्शन के सफलता प्राप्त नहीं हो सकती। गुरु वही है जिससे हम कुछ ऐसा सीखें जिससे आध्यात्मिक उन्नति हो सके। गुरु के सानिध्य व्यक्ति सदमार्ग पर चलकर मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। गुरु शिक्षा में व्यापार नहीं होना चाहिए। गुरु चरणों में शिष्यों को ज्ञान, शांति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। जीवन में हम जो कुछ भी प्राप्त करते हैं कहीं न कहीं गुरु की कृपा का फल है। गुरु वह है जिनका नाम सुनते ही हृदय में सम्मान का भाव जगता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी व्यक्ति को गुरु न मानकर तत्व को अर्थात भगवा ध्वज को गुरु मानते हैं। भगवा ध्वज को हम श्रद्धापूर्वक अपना मार्गदर्शक या गुरु मानते हुए आज के दिन भगवा ध्वज का पूजन करते हुए गुरु के प्रति समर्पण का भाव प्रस्तुत करते हैं। आज के इस उत्सव में गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी एवं पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगाकोठी के प्रधानाचार्य, आचार्य/आचार्या एवं कर्मचारियों द्वारा गुरु भगवा ध्वज को एक एक करके पुष्प अर्पण किया गया। अंत में संघ प्रार्थना के पश्चात कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा हुई।
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