ग्राम समाचार, भागलपुर (बिहार)। स्थानीय विद्यालय श्री रामेश्वर लाल नोपानी सरस्वती विद्या मंदिर, परबत्ती, भागलपुर में गुरु पूर्णिमा के सुअवसर पर रविवार को गुरु वेद व्यास जी की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं गुरु वेदव्यास जी की प्रतिमा पर पुष्पार्चन के साथ किया गया।
प्रधानाचार्या अंजुश्री ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महर्षि वेदव्यास जी को स्मरण करते हुए कहा कि गुरु के ज्ञान के बिना जीवन अधुरा है । गुरु वही है जो अपने शिष्यों को बहुत नजदीक से पढते हुए और समझते हुए उनलोगों का ज्ञानार्जन करते है और उनलोगों की कमियों को दूर करते है । हमलोंगों को अपने दायित्व को हमेशा ध्यान में रखते हुए अच्छे समाज का निर्माण करना है आज की पीढ़ी को समाज के बच्चों में प्रतिभा कूट कूट कर भरी है,एक गुरु होने के नाते बच्चों को तरासते रहना यही हमारा कर्तव्य है ।
वरिष्ठ आचार्य जयनिल कुमार झा ने कहा कि गुरू बनना इतना आसान नहीं है। गुरू का दायित्व बहुत बड़ा होता है उसे हम किस प्रकार से पूर्ण करते हैं आज इसकी आवश्यकता है ।
आचार्य सुमित रौशन ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु का अर्थ गहन अंधकार से रास्ता निकालना है । अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना । यही गुरु का दायित्व है। द्वापर युग से ही गुरु परंपरा चली आ रही है। पूर्व में गुरुकुल के द्वारा समाज को दिशा दिखाने का कार्य किया जाता था। गुरु को सभी सम्प्रदाय के लोग पूजते हैं।
रंजीत कुमार ने कहा आज के ये सभी बच्चे देश के भविष्य हैं। ज्ञान को प्राप्त करने के कई श्रोत हैं। गुरु सभी प्रकार के ज्ञान को अपने में समाहित करते हैं ।
कार्यक्रम एवं जयंती प्रमुख श्रीमती कल्याणी साह ने कहा कि 27 व्यासों में महर्षि वेदव्यास जी का भी नाम आता है। आज का दिन बहुत ही पवित्र दिन है गुरु वेद व्यास जी की कृति को कौन नहीं जानता। हमलोग भी गुरु वेद व्यास जी की कृति का स्मरण करते हुए अपने कार्य का निर्वहन करते रहें । आज के इस पुनीत अवसर पर यही हमारा संकल्प होना चाहिए।
इस अवसर पर विद्यालय के जयनिल कुमार झा, सुमित रौशन, रंजीत कुमार, गगन कुमार, बबिता मिश्रा, कल्याणी साह, रीता कुमारी, अंजू कुमारी, सोनी कुमारी आदि समस्त आचार्य एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
-सुमित रौशन, कैम्पस रिपोर्टर, ग्राम समाचार भागलपुर।
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