ग्राम समाचार, भागलपुर। सबौर कॉलेज सबौर के अतिथि व्याख्याता डॉ अजीत कुमार सोनू ने कारण-पृच्छा प्रत्युत्तर समर्पित करते हुए छात्र कल्याण अध्यक्ष तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को लिखा है कि उक्त संदर्भ एवं विषय के आलोक में निवेदन पूर्वक कहना चाहता हूँ कि मैं पूर्व में छात्र नेता के तौर पर ति.मां.भा.वि. भागलपुर आना-जाना छात्र हित के लिए किया करता था। साथ ही साथ अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक किया करता था। मैंने विश्वविद्यालय में कई भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया है। तदुपरांत विoवि० द्वारा आहुत अतिथि व्याख्याता के साक्षात्कार में उपस्थित हुआ और समाजशास्त्र विषय में अंतरिम रूप चयनित हुआ। विoवि० द्वारा मुझेसबौर कॉलेज, सबौर में अतिथि व्याख्याता के रूप में पदस्थापित किया गया और मैं कर्त्तव्य परायणता एवं निष्ठापूर्वक से अपनी सेवा दे रहा हूँ। महाविद्यालय प्रशासन द्वारा कभी भी मेरे विरूद्ध प्रतिकुल टिप्पणी नहीं की गयी है। लेकिन बीते 23 अगस्त को पुरूष छात्रावास सं. 1 के प्रथम तल स्थित कमरा-11 का ताला तोड़ने का आरोप मेरे विरूद्ध लगाया गया है। इस संबंध में कहना चहता हूँ कि कारण-पृच्छा में लगाये गये आरोप तथ्यहीन एवं बेबुनियाद है। मैं बड़ी खंजरपुर स्थित मुहल्ले में किराये के मकान में निवास कर रहा हूँ। अतैव वर्णित छात्रावास में मेरे रहने का कोई औचित्य नहीं है न ही मेरी कोई भी योजना छात्रावास में रहने की नहीं है, चूँकि मैं शिक्षक संवर्ग में हूँ, इसलिए मैं अपने आवास पर ही रहता हॅँ। जिस कमरे का ताला तोड़ा गया है, वह न तो मेरे नाम से कमरा आवंटित किया है और न ही मेरे नाम से है। इस संबंध में पूर्व में मैंने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित रूप जानकारी दिया है। मैं कोई भी छात्रावास में नहीं रहता हॅूँ। इस कमरा से मेरा कोई भी संबंध नहीं है। इस पत्र से पहले भी कई बार मेरे ऊपर छात्रावास के कमरे को लेकर कई बार लांछन लगाया है जो बाद में बेबुनियाद साबित हुआ है। जब भी कुछ छात्रावास में होता है तो हमेशा मुझे कारण-पृच्छा निर्गत की जाती है।
सबौर कॉलेज सबौर के अतिथि व्याख्याता डॉ अजीत कुमार सोनू ने दिया कारण बताओ नोटिस का जवाब
ग्राम समाचार, भागलपुर। सबौर कॉलेज सबौर के अतिथि व्याख्याता डॉ अजीत कुमार सोनू ने कारण-पृच्छा प्रत्युत्तर समर्पित करते हुए छात्र कल्याण अध्यक्ष तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को लिखा है कि उक्त संदर्भ एवं विषय के आलोक में निवेदन पूर्वक कहना चाहता हूँ कि मैं पूर्व में छात्र नेता के तौर पर ति.मां.भा.वि. भागलपुर आना-जाना छात्र हित के लिए किया करता था। साथ ही साथ अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक किया करता था। मैंने विश्वविद्यालय में कई भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया है। तदुपरांत विoवि० द्वारा आहुत अतिथि व्याख्याता के साक्षात्कार में उपस्थित हुआ और समाजशास्त्र विषय में अंतरिम रूप चयनित हुआ। विoवि० द्वारा मुझेसबौर कॉलेज, सबौर में अतिथि व्याख्याता के रूप में पदस्थापित किया गया और मैं कर्त्तव्य परायणता एवं निष्ठापूर्वक से अपनी सेवा दे रहा हूँ। महाविद्यालय प्रशासन द्वारा कभी भी मेरे विरूद्ध प्रतिकुल टिप्पणी नहीं की गयी है। लेकिन बीते 23 अगस्त को पुरूष छात्रावास सं. 1 के प्रथम तल स्थित कमरा-11 का ताला तोड़ने का आरोप मेरे विरूद्ध लगाया गया है। इस संबंध में कहना चहता हूँ कि कारण-पृच्छा में लगाये गये आरोप तथ्यहीन एवं बेबुनियाद है। मैं बड़ी खंजरपुर स्थित मुहल्ले में किराये के मकान में निवास कर रहा हूँ। अतैव वर्णित छात्रावास में मेरे रहने का कोई औचित्य नहीं है न ही मेरी कोई भी योजना छात्रावास में रहने की नहीं है, चूँकि मैं शिक्षक संवर्ग में हूँ, इसलिए मैं अपने आवास पर ही रहता हॅँ। जिस कमरे का ताला तोड़ा गया है, वह न तो मेरे नाम से कमरा आवंटित किया है और न ही मेरे नाम से है। इस संबंध में पूर्व में मैंने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित रूप जानकारी दिया है। मैं कोई भी छात्रावास में नहीं रहता हॅूँ। इस कमरा से मेरा कोई भी संबंध नहीं है। इस पत्र से पहले भी कई बार मेरे ऊपर छात्रावास के कमरे को लेकर कई बार लांछन लगाया है जो बाद में बेबुनियाद साबित हुआ है। जब भी कुछ छात्रावास में होता है तो हमेशा मुझे कारण-पृच्छा निर्गत की जाती है।
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