Bhagalpur News:भागलपुर में बंद का रहा मिला जुला असर, राजद कार्यकर्त्ताओं ने निकाला जुलूस
ग्राम समाचार, भागलपुर। केंद्र सरकार के नए कृषि विधेयक के विरोध में भारतीय किसान यूनियन सहित 31 विभिन्न संगठनों के द्वारा आहुत बिहार बंद का शुक्रवार को भागलपुर में मिला जुला असर रहा। भागलपुर में राजद, जाप सहित विभिन्न दलों और संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। बता दें कि किसानों के लिए केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के लाए गए नए कृषि विधेयक के विरोध में भारतीय किसान यूनियन सहित 31 विभिन्न संगठनों ने शुक्रवार को पूरे देश में चक्का जाम की घोषणा की थी। उन्हें कांग्रेस, आरजेडी, जन अधिकार पार्टी और वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त है। किसान बिल के खिलाफ राजद का जुलूस स्टेशन चौक से शुरू होकर जिला समाहरणालय पहुंचा। जहां राजद के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। इसके पूर्व जुलूस स्टेशन चौक, वेरायटी चौक, खलीफाबाग, घंटाघर होते हुए समाहरणालय गया। जुलूस में शामिल राजद कार्यकर्ता केंद्र सरकार किसान विरोधी बिल वापस लो, काला कानून वापस लो आदि के नारे लगा रहे थे। जुलूस का नेतृत्व जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर यादव ने किया। जुलूस में मुख्य अतिथि के रुप में बिहार राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव सह कटिहार जिला प्रभारी डॉ चक्रपाणि हिमांशु एवं प्रदेश सचिव डॉ तिरुपति नाथ थे। इस मौके पर डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार भारतीय किसानों के प्रति असंवेदनशील है। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा उत्पादन में उद्योग धंधे एवं पूंजीपतियों का महत्व बढ़ाने से किसानों की हालात दिन-ब-दिन बिगड़ती जाएगी। बिना सरकारी सहायता से किसानों की हालत अच्छी नहीं हो सकती है। भारत में पूंजीवाद के बढ़ते कदम ने किसानों का जीना मुश्किल कर दिया है। सरकार किसानों की आत्महत्या को छिपा रही है। किसानों को सब्सिडी का झुनझुना बनकर रह गया है। जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर यादव ने कहा कि जब तक किसानों का फसल का उचित दाम नहीं मिलेगा तो उसकी स्थिति अच्छी नहीं होगी। खेती के समय खाद बीज का दाम बढ़ जाता है। फसल तैयार होने के बाद किसानों का फसल लेने वाला कोई नहीं होता है। जिससे किसान कर्ज से तबाह होने के बाद किसान बिचौलिया के माध्यम से ओने पौने भाव में बेचने को मजबूर हैं। जुलूस में मोहम्मद सलाउद्दीन, रामशरण यादव, प्रवीण कुमार, विश्वजीत कुशवाहा, डॉ अशोक कुमार आलोक, अमर यादव, निशु सिंह, पूनम झा, योगेश यादव, दिवाकर मंडल, साधो यादव, सुभाष यादव, डॉ आनंद आजाद, दिलीप कुमार यादव, मोहम्मद पप्पू अली, मंजीत ठाकुर समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे। उधर नवगछिया में राजद किसान प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार यादव के नेतृत्व में राजद समर्थकों द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान विरोध प्रदर्शन करते हुए राजद समर्थक राजद कार्यालय नवगछिया से निकलकर पूरे नगर का भ्रमण करते हुए अनुमंडल कार्यालय नवगछिया पहुंचे। जिसके साथ दर्जनों ट्रैक्टरों पर किसान एवं महिलाओं सहित राजद समर्थकों की भीड़ जुटी रही। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जिलाध्यक्ष अलख निरंजन पासवान, ज़िला प्रधानमहासचिव संजय मंडल, युवा नेता शैलेश यादव उपस्थित हुए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अलख निरंजन पासवान, जिला प्रधान महासचिव संजय मंडल, युवा नेता शैलेश यादव, जिला प्रवक्ता विश्वास झा, आपदा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष अशोक यादव, महिला जिला अध्यक्ष अभिलाषा कुमारी, किसान प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार यादव, किसान उपाध्यक्ष रामविलास सिंह, अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष मो० मोहिउद्दीन, जिला उपाध्यक्ष सुजीत मंडल, जिला सचिव विभूति भूषण, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव विक्रम मंडल, नगर अध्यक्ष तनवीर बाबा, नवगछिया प्रखंड अध्यक्ष अधिवक्ता हिमांशु यादव, इस्माइलपुर प्रखंड अध्यक्ष लड्डू दास, संतोष यादव, नीरज यादव, अरुण यादव भवानी, नीरज भगत, संतोष मंडल, रंजीत रोशन, शालू यादव, पूर्व जिला परिषद रीता यादव, रतन मंडल, मुन्ना मंडल, जिला सचिव महेश फौजी, सौगंध साह, राम नरेश यादव, शुभम यादव सहित सैकड़ों राजद समर्थकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया। वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के द्वारा कृषि विधेयक व श्रम सुधार बिल के विरोध में स्टेशन चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया। मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए किसान नेता मनोहर मंडल ने बताया कि केंद्र की भाजपा सरकार किसान ही नहीं बल्कि मजदूर विरोधी सरकार है। सरकार इस अविलंब ये काला कानून वापस ले अन्यथा देश की जनता सड़को पर आ जायेगी। सरकार की मनोदशा ये बताती है कि सरकार पूंजीपतियों के दबाब में किसानों के साथ अन्याय करने पर तुली हुई है। किसानों व मजदूर को पुनः गुलाम बनाने की साजिश है। कार्यक्रम में विनय चौबे, दशरथ प्रसाद, नीलम देवी, फैज अहमद, चंद्रशेखर सिंह, मुनिलाल मंडल, विनोद मंडल टिंकू खान आशा देवी इत्यादि कार्यकर्ता मौजूद थे।
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