ग्राम समाचार, भागलपुर। जिले के एनटीपीसी लिमिटेड कहलगांव सुपर थर्मल पावर स्टेशन में सोमवार को राजभाषा अनुभाग मानव संसाधन विभाग द्वारा राजभाषा हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में चाणक्य सभागार (कार्यकारी निदेशक सम्मेलन कक्ष) में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह वर्चुअल कवि सम्मेलन एवं पुरस्कार विजेताओं के नाम के घोषणा के साथ सोशल डिस्टेन्सिंग नियम का अनुपालन करते हुए सम्पन्न हुआ। वर्चुअल कवि सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कवि दीपक गुप्ता द्वारा प्रस्तुत कविता “ये जो कहती है जी.डी.पी. सिगरेट छोड़ के बीड़ी पी“, वहीं डॉ. अर्जुन सिसौदिया द्वारा रचित “अंग्रेजो अब भारत छोड़ो गांधी बोले हिन्दी में राष्ट्र चेतना देश प्रेम के गढ़े हींडोले हिन्दी में“ तथा कवि मोहित शोर्य की “दिलों की महफिलों में भी दिलवाले नहीं दिखते शहर की रोशनी में अब उजाले नही दिखते। बड़ी लाचार और बेदर्द है दुनिया की नजरे भी मेरे जुते तो दिखते है मगर छाले नहीं दिखते है” जैसी मार्मिक एवं स्वतंत्रता विषयक अपनी वीर रस की कविताओं के माध्यम से कवियों ने दर्शकों को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का बोध कराते हुए सीमाओं पर लड़ रहे सैनिको की वीर गाथा का अदभुत वर्णण किया। जिसका उपस्थित जनसमुदाय ने भरपूर आनंद उठाया। इसके पूर्व मुख्य अतिथि चंदन चक्रवर्ती कार्यकारी निदेशक ने हिन्दी दिवस समारोह की शुरुआत करते हुए कहा कि हिन्दी आज इतनी सक्षम भाषा है, उसमें चिकित्सा, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, कृषि, कंप्यूटर, प्रबंधन आदि अनेक विधाओं में तकनीकी और साहित्यिक रचनाए लिखना सरल और सहज हो गया है। उन्होंने राजभाषा हिन्दी के प्रचार प्रचार प्रसार हेतु कार्यालयीन हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग करने की अपील की। जॉन मथाई महाप्रबंधक मानव संसाधन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा होने के साथ देश के सर्वाधिक भू.भाग में बोली, समझी एवं लिखी जाती है। अतः हिन्दी का प्रचार प्रसार न केवल हमारा संवैधानिक दायित्व है बल्कि राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता हेतु आवश्यक है। उन्होनें हिन्दी के प्रति लोगों में जागरूकरता बढ़ाने में सभी से सहयोग की अपील की। सभी को विभिन्न हिन्दी विषयक प्रतियोगिताओं मे बढ़ चढ़ कर भाग लेने हेतु भी धन्यवाद दिया। हिन्दी पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न हिन्दी विषयक प्रतियोगिताओं में एनटीपीसी कर्मियों, सीआईएसएफ कर्मियों, महिलाओं एवं स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ कर हिस्सा लिया।
Bhagalpur News:एनटीपीसी कहलगांव में मनाया गया हिंदी दिवस, काव्य गोष्ठी में कवियों ने कविताओं से बताया राष्ट्रीय भाषा का महत्व
ग्राम समाचार, भागलपुर। जिले के एनटीपीसी लिमिटेड कहलगांव सुपर थर्मल पावर स्टेशन में सोमवार को राजभाषा अनुभाग मानव संसाधन विभाग द्वारा राजभाषा हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में चाणक्य सभागार (कार्यकारी निदेशक सम्मेलन कक्ष) में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह वर्चुअल कवि सम्मेलन एवं पुरस्कार विजेताओं के नाम के घोषणा के साथ सोशल डिस्टेन्सिंग नियम का अनुपालन करते हुए सम्पन्न हुआ। वर्चुअल कवि सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कवि दीपक गुप्ता द्वारा प्रस्तुत कविता “ये जो कहती है जी.डी.पी. सिगरेट छोड़ के बीड़ी पी“, वहीं डॉ. अर्जुन सिसौदिया द्वारा रचित “अंग्रेजो अब भारत छोड़ो गांधी बोले हिन्दी में राष्ट्र चेतना देश प्रेम के गढ़े हींडोले हिन्दी में“ तथा कवि मोहित शोर्य की “दिलों की महफिलों में भी दिलवाले नहीं दिखते शहर की रोशनी में अब उजाले नही दिखते। बड़ी लाचार और बेदर्द है दुनिया की नजरे भी मेरे जुते तो दिखते है मगर छाले नहीं दिखते है” जैसी मार्मिक एवं स्वतंत्रता विषयक अपनी वीर रस की कविताओं के माध्यम से कवियों ने दर्शकों को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का बोध कराते हुए सीमाओं पर लड़ रहे सैनिको की वीर गाथा का अदभुत वर्णण किया। जिसका उपस्थित जनसमुदाय ने भरपूर आनंद उठाया। इसके पूर्व मुख्य अतिथि चंदन चक्रवर्ती कार्यकारी निदेशक ने हिन्दी दिवस समारोह की शुरुआत करते हुए कहा कि हिन्दी आज इतनी सक्षम भाषा है, उसमें चिकित्सा, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, कृषि, कंप्यूटर, प्रबंधन आदि अनेक विधाओं में तकनीकी और साहित्यिक रचनाए लिखना सरल और सहज हो गया है। उन्होंने राजभाषा हिन्दी के प्रचार प्रचार प्रसार हेतु कार्यालयीन हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग करने की अपील की। जॉन मथाई महाप्रबंधक मानव संसाधन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा होने के साथ देश के सर्वाधिक भू.भाग में बोली, समझी एवं लिखी जाती है। अतः हिन्दी का प्रचार प्रसार न केवल हमारा संवैधानिक दायित्व है बल्कि राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता हेतु आवश्यक है। उन्होनें हिन्दी के प्रति लोगों में जागरूकरता बढ़ाने में सभी से सहयोग की अपील की। सभी को विभिन्न हिन्दी विषयक प्रतियोगिताओं मे बढ़ चढ़ कर भाग लेने हेतु भी धन्यवाद दिया। हिन्दी पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न हिन्दी विषयक प्रतियोगिताओं में एनटीपीसी कर्मियों, सीआईएसएफ कर्मियों, महिलाओं एवं स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ कर हिस्सा लिया।
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