ग्राम समाचार, भागलपुर एसएनबी। विगत विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद महागठबंधन ने भागलपुर की सातों विधानसभा सीटों पर एक साथ कब्जा कर राजग गठबंधन की मिट्टी पलीत कर दी थी। लेकिन इसबार भाजपा-जदयू के साथ होने से भागलपुर जिले का राजनीतिक समीकरण बदलने की उम्मीद दिख रही है। भागलपुर का बिहपुर विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है। विगत चार विधानसभा चुनाव से इस सीट पर राजद और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा है। इस बार भी चुनाव में खड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। खगड़िया व मधेपुरा की सीमा पर स्थित बिहपुर भागलपुर जिले का सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र है। यह भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है। नये परिसीमन से पहले बिहार के गोपालपुर खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में आता था। जिले की यह पहली विधानसभा सीट है, जहां 2014 से 2019 तक युवा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल भागलपुर के लोकसभा क्षेत्र के तहत यहां का प्रतिनिधित्व किया और वर्तमान में उनकी पत्नी वर्षा रानी बिहपुर की विधायक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बुलो मंडल की हार हुई। इस सीट पर भाजपा की इंट्री 1980 में ही हो गयी थी। हालांकि सफलता 2010 में मिली। भाजपा के कुमार शैलेन्द्र निर्वाचित हुए थे। सात चुनाव में भाजपा इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही। कई बार दोनों पार्टी प्रत्याशियों के बीच कांटे का मुकाबला रहा। अक्टूबर 2005 में राजद के बुलो मंडल और 2010 में भाजपा के कुमार शैलेन्द्र की जीत का अंतर एक हजार से कम वोटों का रहा। भाजपा में उम्मीदवारी को लेकर नेताओं की लंबी कतार है। वहीं राजद की राजनीति बुलो मंडल के इर्द-गिर्द घूम रही है। पूर्व सांसद बुलो मंडल तीन बार जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। उन्होंने 2000, 2005 के फरवरी और 2005 के अक्टूबर के चुनाव में जीत दर्ज की। पीरपैंती और गोपालपुर की तरह बिहपुर विधानसभा सीट भी सीपीआई का गढ़ माना जाता था। यहां से चार बार सीबीआई ने जीत दर्ज की है। तीन बार प्रभुनारायण राय और एक बार सीताराम सिंह आजाद चुनाव जीते थे। 1977 के जेपी आंदोलन के दौरान जिले की पीरपैंती, भागलपुर और बिहपुर विधानसभा सीट पर सीबीआई ने जीत दर्ज की थी। बिहपुर विधानसभा क्षेत्र गंगा और कोसी के बीच में बसा हुआ है। अधिकंतर ग्रामीण आबादी है। क्षेत्र के किसान बड़े पैमाने पर केला, मक्का और लीची की खेती करते हैं। केला और मक्का देश के दूसरे राज्यों में भी जाता है। हालांकि यहां केला और मक्का आधारित उद्योग नहीं होने से किसानों को फसल की उचित कीमत नहीं मिल पाती है। बिहपुर विधानसभा भूमिहार-गंगौता बहुल क्षेत्र माना जाता है। इसके बाद यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है। नागर, वैश्य, ब्राह्मण व अनुसूचित जाति जनजाति मतदाताओं की संख्या भी अच्छी है। बिहपुर का स्वराज आश्रम स्वतंत्रता आंदोलन का केन्द्र रहा है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में यहां के लोगों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था। क्षेत्र का भ्रमरपुर दुर्गा मंदिर, मड़वा स्थित बाबा रामेश्वर धाम आस्था का केंद्र है।
निर्वाचित विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
2015 वर्षा रानी राजद
2010 कुमार शैलेन्द्र. भाजपा
2005(अक्टूबर)शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल राजद
2005(फरवरी) शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल राजद
2000. शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल राजद
1995. ब्रह्मदेव मंडल. जनता दल
1990. ब्रह्मदेव मंडल. जनता दल
1985. राजेन्द्र शर्मा. कांग्रेस
1980. राजेन्द्र शर्मा. कांग्रेस
1977. सीताराम सिंह आजाद सीपीआई
1972. प्रभु नारायण राय सीपीआई
1969. प्रभु नारायण राय सीपीआई
1967. जीपी यादव. बीजेएस
1962. सुखदेव चौधरी. कांग्रेस
1957 प्रभु नारायण राय सीपीआई
शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल
कुल मतदाता - 257242
पुरुष मतदाता – 135383
महिला मतदाता – 121849
थर्ड जेंडर मतदाता – 10
प्रखंड – 03
पंचायत – 37
मतदान केंद्र की संख्या - 391
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