Bhagalpur News:आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को साकार कर रहा कीस, संस्था को आत्मनिर्भर बनाने से पूर्व खुद को आत्मविश्वासी बनाने की जरुरत – प्रो. सामंत
ग्राम समाचार, भागलपुर। विश्व के सबसे बड़े आदिवासी आवासीय विद्यालय कीस कीट द्वय डीम्ड विश्वविद्यालयों के संस्थापक और उड़ीसा के कंधमाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत ने भारत की नई शिक्षा नीति 2020 का स्वागत करते हुए कहा है कि नई शिक्षा नीति नींव का वह पत्थर है जो बालकों के तीसरे नेत्र के रुप में आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करेगी। कीस आदिवासी आवासीय विद्यालय में कक्षा केजी से लेकर पीजी तक निःशुल्क पढ़नेवाले लगभग 30 हजार आदिवासी बच्चे अपने वोकेशनल कौशल प्रशिक्षण द्वारा आत्मनिर्भर बन चुके हैं। प्रो सामंत ने कहा कि किसी संस्था को आत्मनिर्भर बनाने से पूर्व खुद को आत्मविश्वासी बनाने की जरुरत है। कीट यूनिवर्सिटी और कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के संस्थापक अच्युत सामंत ने अपना पूरा जीवन आदिवासियों, दलितों और गरीबों को समर्पित किया है। पूरे देश में लगभग 1 लाख आदिवासी और गरीब बच्चो के लिए एलकेजी से पीजी तक कि मूफ्त प़ढ़ाई लिखाई के साथ रहने खाने की व्यवस्था श्री सामंस ने अपने कंधो पर उठाया है। सिर्फ कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस भुवनेश्वर में 30 हजार से अधिक गरीब बच्चों की सारी व्यवस्था की है। ऐसा सेंटर दिल्ली, कंधमाल और बालंगीर में है। जल्द ही बिहार, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ में गरीब और आदिवासी बच्चों के लिए कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस खोलने जा रहे हैं।
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