ग्राम समाचार, दुमका। रानीश्वर प्रखंड छेत्र में पदस्थापित अधिकंश शिक्षक बिना सूचना के अन्य राज्य में जाकर जमे हुये हैं । झारखंड शिक्षा परियोजना के एक दर्जन सीआरपी भी बीरभूम जिला के सिउड़ी में रहता हैं ।
सिउड़ी निबासी इन शिक्षक एबं परियोजना कर्मियों वही से आना जाना कर ड्यूटी करता हैं । कोरोना को लेकर यहां लक डाउन लगा देने पर बिगत छह महीना से इन शिक्षकों के छेत्र में चेहरा नहीं देखा गया हैं।जब कि उपायुक्त राजेश्वरी बी के रोक के आदेश के बाबजूद यहां के चेक नाका में दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त सीआरपी बाईक से सिउड़ी से आनाजाना जारी रखा ,इसकी जानकारी बिभाग के अधिकारियों को भलीभांति हैं।दूसरी ओर उन्हीं अधिकारी के अनुसंशा पर जिला प्रशासन के द्बारा , जो शिक्षक लगातार छह महीना से बिना सूचना के मुख्यालय से बाहर पश्चिम बंगाल के सिउड़ी में रहता हैं उन्हें सम्मानित किया गया है ।मध्य विद्यालय पाटजोड़ के शिक्षक पबन कुमार साह को कोरोना काल मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिये सम्मानित किया हैं, जबकि श्री साह मार्च महीना से सिउड़ी में जमे हैं ।शिक्षक संघ के एक शिक्षक नेता बिश्वनाथ गोराई भी बीरभूम जिला के सदर शहर सिउड़ी में रह कर वही से आना जाना कर ड्यूटी करता हैं। बिभाग को अंधेरे में रखकर मुख्यालय से बाहर अन्य राज्य में रहने बाला शिक्षक नेता को बिभाग के अधिकारी के अनुशंसा पर राज्यपाल के करकमलों से सम्मानित किया गया हैं।यहां अपने गांव में रहकर बिद्यालय के छात्रों के पठन पाठन में बिशेष रुचि लेने बाले शिक्षकों को उपेक्षा कर बाहर रहने बाले शिक्षक को सम्मानित करने का असर , शिक्षा की गुणात्मक सुधार पर पड़ रहा हैं।प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राजीव रंजन से शिक्षक एबं सीआरपी का किस आधार पर चयन किया गया हैं, पूछने पर कुछ भी बताने इंकार कर दिया हैं ।
गौतम चटर्जी, ग्राम समाचार,रानीश्वर(दुमका)
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