ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में ग्रामीण युवक/युवतियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण का विषय ट्राइकोडर्मा आधारित खाद उत्पादन है। पौधा सुरक्षा वैज्ञानिक डाॅ0 सूर्यभूषण ने बताया कि विभिन्न फसलों जैसे बैंगन, टमाटर, मिर्च, अरहर, चना, मसूर आदि में मुरझा रोग गोड्डा जिले की एक गंभीर समस्या है। किसान भाई फसलों की मुरझा बीमारी की वजह से परेशान हैं तथा कुछ किसान बैंगन की खेती से विमुख होते जा रहे हैं। इसके समाधान के लिए बीज उपचार, प्रतिरोधी किस्म का चयन, अम्लीय भूमि में चूना का प्रयोग तथा ट्राइकोडर्मा युक्त सड़ी खाद(कम्पोस्ट) का उपयोग किया जा सकता है। ट्राइकोडर्मा एक लाभदायक फफूँद है जो जमीन में पाया जाता है लेकिन रासायनिक कीटनाशी/फफूँदनाशी के प्रयोग से ट्राइकोडर्मा की संख्या घट गई है। इस वजह से ट्राइकोडर्मा हानिकारक फफूँद को रोकने में सक्षम नहीं हो पा रहा है। ट्राइकोडर्मा की संख्या को बढ़ाने के लिए गोबर की सड़ी खाद में ट्राइकोडर्मा को मिलाकर खेत में डालना चाहिए। सपन कुमार मुर्मू, प्रमोद कुमार मुर्मू, सुशीला सोरेन, तेरेसा किस्कू, जेम्स मुर्मू समेत 25 ग्रामीण युवक/युवतियां प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।
GoddaNews: ट्राइकोडर्मा अधारित खाद उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया
ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में ग्रामीण युवक/युवतियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण का विषय ट्राइकोडर्मा आधारित खाद उत्पादन है। पौधा सुरक्षा वैज्ञानिक डाॅ0 सूर्यभूषण ने बताया कि विभिन्न फसलों जैसे बैंगन, टमाटर, मिर्च, अरहर, चना, मसूर आदि में मुरझा रोग गोड्डा जिले की एक गंभीर समस्या है। किसान भाई फसलों की मुरझा बीमारी की वजह से परेशान हैं तथा कुछ किसान बैंगन की खेती से विमुख होते जा रहे हैं। इसके समाधान के लिए बीज उपचार, प्रतिरोधी किस्म का चयन, अम्लीय भूमि में चूना का प्रयोग तथा ट्राइकोडर्मा युक्त सड़ी खाद(कम्पोस्ट) का उपयोग किया जा सकता है। ट्राइकोडर्मा एक लाभदायक फफूँद है जो जमीन में पाया जाता है लेकिन रासायनिक कीटनाशी/फफूँदनाशी के प्रयोग से ट्राइकोडर्मा की संख्या घट गई है। इस वजह से ट्राइकोडर्मा हानिकारक फफूँद को रोकने में सक्षम नहीं हो पा रहा है। ट्राइकोडर्मा की संख्या को बढ़ाने के लिए गोबर की सड़ी खाद में ट्राइकोडर्मा को मिलाकर खेत में डालना चाहिए। सपन कुमार मुर्मू, प्रमोद कुमार मुर्मू, सुशीला सोरेन, तेरेसा किस्कू, जेम्स मुर्मू समेत 25 ग्रामीण युवक/युवतियां प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।
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