ग्राम समाचार गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में ग्रामीण युवक/युवतियों हेतु दीर्घावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत "बकरी पालन" विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया। वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ0 रविशंकर ने ग्रामीण युवक/युवतियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बकरी पालन का व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र के सीमांत-लघु तथा भूमिहीन किसान के आर्थिक स्रोत का महत्वपूर्ण साधन है। बकरी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त करके बैंक से लोन लेकर घर पर ही 10-12 बकरी-बकरे की यूनिट लगाकर लघु स्तर पर रोजगार की शुरूआत करें तथा अपनी अामदनी में वृद्धि करें। पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ0 सतीश कुमार ने बताया कि बकरियों में होने वाली प्रमुख रोग खुरपका-मुँहपका, छेरा रोग, न्यूमोनिया, ब्लू टंग के लक्षण तथा रोकथाम की विस्तृत जानकारी दी। खुरपका-मुँहपका रोग से बचाने के लिए एफ.एम.डी. का टीका, न्यूमोनिया से बचाने के लिए एंटीबायोटिक दवा जेण्टामाइसीन, सल्फाडिमाडीन दवाई खिलाने से पतला पैखाना की समस्या से निजात मिल सकती है। बकरियों के आहार प्रबंधन हेतु हरा चारा जैसे-हाइड्रोपोनिक्स, अजोला, बरसीम, नेपियर, सूडान घास, सुबबूल, कटहल, सहजन के पौधे लगाने की विस्तृत जानकारी दी। सभी ग्रामीण युवक/युवतियों को "बकरी पालन" विषयक पुस्तिका प्रमाण पत्र के साथ-साथ सुबबूल का पौधा वितरित किया गया। मौसम वैज्ञानिक रजनीश प्रसाद राजेश ने बताया कि मोबाइल में मेघदूत एवं दामिना एप इंस्टाॅल करके ठनका गिरना, बारिस होना, बिजली गर्जन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मौके पर डाॅ0 सूर्यभूषण, डाॅ0 हेमन्त कुमार चौरसिया, डाॅ0 प्रगतिका मिश्रा, डाॅ0 अमितेश कुमार सिंह,रजनीश प्रसाद राजेश, राकेश रौशन कुमार सिंह, वसीम अकरम मौजूद रहे। सामुएल किस्कू, विमल मुर्मू, जयराम मरांडी, प्रीती मरांडी, दुलड़ किस्कू, पूनम मुर्मू, ग्रेगोरी बेसरा, तेरेसा बेसरा, विनीता मरांडी, अगस्तिना टुडू, छविलाल टुडू समेत 25 ग्रामीण युवक/युवतियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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