चाकुलिया, जमशेदपुर : विगत दिन झरखण्ड हाई कोर्ट के तीन जजों के बेंच ने सरकार के नियोजन नीति को रद्द करने का फ़ैसला दिया है । इस फैसले से राज्य में भूचाल जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इससे लेकर कुछ दिनों से शिक्षक आंदोलित पर है। बताते चलें कि विगत रघुवर सरकार ने राज्य के लिए नियोजन नीति बनाई थी । जिसमें राज्य के कुल 24 जिला में से नियोजन नीति के तहत 13 जिला को अनुसूचित जिला तथा 11 जिला को गैर-अनुसूचित में बांट कर नियोजन की प्रक्रिया चल रही थी। इस नीति के आधार पर राज्य में लगभग 18000 हाई स्कूल में शिक्षक की नियुक्ति की गई थी । इस नियोजन नीति को पलामू के अभ्यार्थी सोनी कुमारी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। और हाई कोर्ट ने इस नीति को निरस्त करते हुए सभी नियुक्त को असंवैधानिक करार दिया है । इस नीति के तहत् बहाल हुए शिक्षक पिछले दो साल से राज्य के माध्यमिक विद्यालय में सेवा देते आ रहे है । अचानक इस प्रकार के फैसले आ जाने से राज्य के हजारों युवक शिक्षक सड़क पर आ गए है अब जाय तो कहां जाय । बहुत सारे ऐसे शिक्षक है जिन्होंने रेलवे बैंक के नौकरी को छोड़कर इस सेवा मे योगदान दिया । फैसले से नाखुश शिक्षक न्याय के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है । वहीं राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बिषय को संज्ञान में लेते हुए कहा कि सरकार इस मामले को सुप्रीम में चुनौती देंगे। इस फैसले से प्रभावित शिक्षको ने स्थानीय विधायक समीर महंती से भेट एक ज्ञापन सौंपा और न्याय दिलाने की मांग रखी। विधायक ने आश्वसन देते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों के पक्ष में है, हम जल्द ही इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
कालीदास मुर्मू , ग्राम समाचार ।
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