आज के कार्यक्रम संचालित करते हुए एन एस एस के डॉ रंजीत सिंह ने कहा कि हिंदी की पहचान हिंदुस्तान से है। रेणु गुप्ता ने कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कहा था कि"अंग्रेजी पढ़ के यद्यपि सब गुण होत प्रवीण,पर निज भाषा ज्ञान बिन रहत हैं के हीन"।हिंदी भाषा केवल संवाद की भाषा नही होती बल्कि उसमे एक जीवित समाज सांस ले रहा होता है। डॉ ध्रुव ज्योति सिंह ने कहा कि जन जन में लोकप्रिय होने की वजह इसकी सरलता,सहजता और सरसता है।डॉ चंदन कुमार बोहरा ने कहा कि हमसभी हिंदी को हमेशा प्राथमिकता दें।
हिंदी केवल हमारी मातृभाषा व राष्ट्रभाषा ही नहीं।अपितु राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। राष्ट्रभाषा हिंदी हमें भावनात्मक एकता के सूत्र में बांधती है।आज विश्व में हिंदी बोलने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हिंदी के सम्मान में हर वर्ष 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है।आजादी मिलने के 2 साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था।आज इंटरनेट पर हिंदी का प्रसार तेजी से हो रहा है।डिजिटल माध्यम से 2016 में हिंदी समाचार पढ़ने वालों की संख्या 5.5 करोड़ थी जो अब 2021 तक बढ़कर 14 करोड़ होने का अनुमान है।
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