ग्राम समाचार, बौंसी, बांका।भारतीय संस्कृति में पर्व और त्योहार का अपना एक अलग ही स्थान है। अलग-अलग मौके पर खुशियां मनाने के लिए लोग अलग-अलग त्यौहार मनाते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कुछ पूजा और त्यौहार आज भी ऐसे हैं, जिसे लोग काफी अलग तरीके से मनाते हैं। जिसमें नवान्न पूजा अपने आप में एक अलग ही महत्व रखता है। भारत में खासकर किसानों के फसल चक्र को देखते हुए कई पूजा का आयोजन किया जाता है। जिसमें धान की फसल की कटाई तथा कुटाई हो जाने के बाद लोग छठ पूजा के बाद यह त्यौहार मनाते हैं। इस दौरान लोग दही चूड़ा का सेवन करते हैं, तो वहीं अन्य राज्यों में भी बिहू और भोगाल बिहू जैसे पर्व मनाए जाते हैं। कुछ इसी तरह जब धान की नई फसल तैयार होती है, तब ग्रामीण इलाकों में बड़ी जोर शोर से नवान्न पूजा का आयोजन किया जाता है। मंदार की पावन धरती पर नवान्न 26 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा।
मधुसूदन मंदिर के स्थानीय पंडित अवधेश बाबा का कहना है कि मधुसूदन भगवान को नवान्न का भोग 26 नवंबर 2020 को लगेगा। बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ नवान्न पर्व मंदार के पावन धरती पर मनाया जाएगा। इस करोना काल में इस पर्व पर थोड़ा असर तो पड़ेगा। लेकिन फिर भी इस त्यौहार को मनाने में लोग कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। नवान्न पूजा को लेकर ऐसी परंपरा रही है, कि इस दिन खेतों में तैयार हो चुके नए धान की फसल को काटकर घर लाया जाता है और उससे नया चावल व चूड़ा बनाकर उसे भगवान मधुसूदन तथा अपने पुरखों को समर्पित किया जाता है। इस दिन लोग धान से तैयार अन्न का खुद भी सेवन करते हैं। नवान्न पूजा को लेकर एक परंपरा यह भी है कि, इससे तैयार नए चावल का लोग पूरे साल अपने घर में पूजा के दौरान अक्षत के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लोग इसे छोटी मकर सक्रांति के रूप में भी मनाते हैं। मंदार मधुसूदन स्थान में मनाया जाने वाला सालाना नवान्न पूजा का अपना एक अलग स्थान है। इस दौरान मधुसूदन स्थान में पूरी निष्ठा और श्रद्धा भक्ति से बाबा मधुसूदन भगवान को प्रातकाल स्नान कराया जाता है। इसके बाद बड़े पैमाने पर दही चूड़ा, गुड़, शहद तथा केला का भोग भी लगाया जाता है। इस पूजा में शामिल होने के लिए जिले भर के पदाधिकारीगण श्रद्धा पूर्वक आते हैं तथा दही चूड़ा का प्रसाद ग्रहण करते हैं। जिसके बाद किसान फिर से एक बार अपने खेतों की ओर लौट जाते हैं तथा बड़े पैमाने पर धान फसल की कटाई और कुटाई में जुट जाते हैं। नवान्न पूजा को लेकर जिले के बौसी प्रखंड के लोगों को अलग-अलग तरीके से तैयारी करते हुए देखा जा सकता है। अगहन मास में मनाए जाने वाले इस त्यौहार को लेकर बड़े और छोटे किसान तैयारी में लगे हुए हैं।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता, बौंसी।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें