ग्राम समाचार, बौंसी, बांका।बौसी प्रखंड के ऐतिहासिक मधुसूदन मंदिर में गुरुवार को नवान्न पूजा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मालूम हो कि नवान्न पूजा ग्रामीण इलाकों का मुख्य त्यौहार है। इस पर्व में खासकर किसानों के फसल चक्र को देखते हुए नवान्न पूजा का आयोजन किया जाता है। इसमें धान की फसल की कटाई तथा कुटाई हो जाने के बाद इस पर्व को मनाया जाता है। इस दौरान लोग दही चूड़ा का सेवन करते हैं।
इसमें नए चावल या चूड़ा बनाकर उसे भगवान मधुसूदन को सर्वप्रथम उसके उपरांत अपने पुरखों को समर्पित करते हैं, और स्वयं भी दही चूड़ा का प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह पर्व पूर्व बिहार के भागलपुर, बांका, मुंगेर आदि जिलों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसी क्रम में गुरुवार को मधुसूदन भगवान को प्रात कालीन पारंपरिक रूप से स्नान कराया गया। उसके बाद श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी भगवान के दर्शन के लिए।
वैसे इस करोना काल में श्रद्धालुओं की भीड़ में तो कमी आई, परंतु श्रद्धा पूर्वक जितने भी श्रद्धालु आए थे, सभी ने भगवान के स्नान में भाग लिया। उसके बाद भगवान को मंदिर से बाहर लाया गया और सिंहासन पर आरूढ़ कर नया चूड़ा, पंचामृत, दही, गुड, शहद, गन्ना आदि से भोग लगाया गया। मौके पर उपस्थित स्थानीय निर्मल झा ने बताया कि पंडा समाज की ओर से पंचामृत घर से ही बना कर लाया जाता है और भगवान को चढ़ावा के रूप में चढ़ाया जाता है। भगवान का नए वस्त्र से, पुष्पगुच्छ से श्रृंगार किया गया था। बड़ा ही मनमोहक दृश्य लग रहा था। सभी श्रद्धालु हर्षोल्लास में भगवान की भक्ति में लीन थे। अगहन मास में मनाए जाने वाला यह त्यौहार ग्रामीणों के लिए अलग ही मायने रखता है।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता, बौंसी।
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