ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्टः- गोड्डा जिला अंतर्गत पथरगामा प्रखंड के सड़कों पर रोजाना अंधेरा घिरते ही अवैध बालू के कारोबारियों का कब्जा हो जाता है और दौड़ने लगती है उनकी ट्रेक्टर हाईवा और एलपी ट्रक।सुबह 4:00 बजे के बाद इन वाहनों की गति पर विश्राम लगती है।इन तेज गति से अवैध बालू लोड कर चलने वाले वाहनों की गड़गड़ाहट से जहां आम लोगों की नींद हराम होती है वही अवैध बालू के कारोबारियों और इनकी रक्षा में लिप्त आम लोगों के रक्षक की पॉकेट भरती रहती है।
लगातार जप्त हो रही अवैध बालू लदे वाहन इन काली करतूतें का चश्मदीद गवाह बना हुआ है।अवैध बालू का खेल इतना जमकर चल रहा है कि इसकी रोकथाम में लगे सक्षम लोगों के मुंह पर गांधीजी का मास्क लग गया है।जानकार लोगों का कहना है खनिज के अवैध परिवहन में लगे वाहन जब दो बार जब तक हो जाता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।परंतु ऐसा होता नहीं हैै।एक ही रंग के और एक ही नंबर के ऐसे कई हाईवा अथवा ट्रैक्टर या फिर एलपी ट्रक हैं जो कई कई बार पकड़े जा चुके हैं और फाइन देकर छूट भी गए हैं परंतु उनके वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं किया गया है।
जानकार लोग सरकार पर भी उंगली उठाने से नहीं चूक रहे हैं क्योंकि सरकार बालू घाटों की बंदोबस्ती कर ही नहीं रही है।जिसके चलते लोगों को अनाप-शनाप ऊंचे दामों पर बालू खरीदना पड़ रहा है।सच तो यह भी है कि अगर यह अवैध बालू का धंधा नहीं हो तो विकास कार्य बिल्कुल ठप हो जाएगा।बावजूद इसके इसे वैध करार नहीं दिया जा सकता है।
इसका दूसरा सबसे भयावह पहलू यह है कि अनाप-शनाप बालू के दोहन से भूगर्भ जल स्तर काफी नीचे चला गया है।बरसात के दिनों में भी नदियों में उफान नहीं आ पाता है।बरसात के दिनों को छोड़कर नदियां आम दिनों में बिल्कुल सूखी रहती है।गर्मी में लोगों का चापाकल सूख जाता है।पैदावार में भी खासा असर पड़ गया है।कुल मिलाकर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि गंभीर मानवीय समस्याओं से मुख मोड़ कर बेधड़क बिना रोक-टोक अवैध बालू का धंधा चल रहा है।
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