GoddaNews: सदर अस्पताल गोड्डा सहित सभी प्रखंड में लग रहा है पालना


बैठक में लिया गया निर्णय

◆ बाल विवाह उन्मूलन कार्य योजना की प्रस्तुतीकरण*

◆ गोड्डा सदर अस्पताल एवं सभी प्रखंड में लग रहा है पालना*

◆ अनचाहे नवजात शिशुओं का देखभाल बाल संरक्षण इकाई करेगी*

◆ ग्राम बाल संरक्षण समिति को किया जाएगा सक्रीय*


ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:-  शुक्रवार 27 नवंबर को  गोड्डा सदर प्रखंड कार्यालय सभागार में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्ड लाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक आहूत की गयी।

इस बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी बासुदेव प्रसाद, जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र, सा.स्वास्थ्य केंद्र गोड्डा सदर के डॉ0बिनोद कुमार मीना, महिला पर्यवेक्षिका, यूनिसेफ के जिला समन्वयक अमित कुमार, जेएसएलपीएस के बीपीओ प्रवीण कुमार, तेजस्वनी परियोजना के प्रखंड समन्वयक विनीता एवं अन्य, चाइल्ड लाइन के समन्वयक सत्यप्रकाश, डालसा के पारा लीगल वालंटियर्स, सेविका, पोषण सखी, उमंग परियोजना के समन्वयक नेहा सरकार, विभाष कुमार एवं अन्य उपस्थित हुए।

इस बैठक में बाल संरक्षण से संबंधित विभिन्न विषय यथा- बाल विवाह, बाल तस्करी, बाल श्रम, बाल दुर्व्यवहार, बाल अधिकार, ड्राप आउट पर व्यापक चर्चा की गयी।

संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र ने ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति पर बारीकी से चर्चा करते हुए कहा कि यदि यह समिति सक्रीय होकर कार्य करेगी तो विभिन्न समस्या यथा- बाल विवाह, बाल तस्करी, बाल श्रम से निजात मिलेगी। चर्चा में यह भी निष्कर्ष सामने आया कि ड्राप आउट विभिन्न समस्याओं का जड़ है। ड्राप आउट बच्चे ही बाल विवाह, बाल तस्करी और बाल श्रम के शिकार होते हैं। अतः बच्चों का विद्यालय में ठहराव जरुरी है। 

बताया कि जोखिम परिस्थितियों में रह रहे एवं जरूरतमंद बच्चों का पुनर्वासन जरुरी है, उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने, स्पॉन्सरशिप एवं फोस्टर केयर, विद्यालय नामांकन, राशन, पेंशन आदि में कन्वर्जेन्स की आवश्यकता होती है जिसमे सभी संबंधित विभाग और संस्थाओं से सकारात्मक सहयोग अपेक्षित है।

बताया कि सभी प्रखंडों के सार्वजनिक स्थानों पर पालना अधिष्ठापन किया जा रहा है। यह विभाग की अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है। कई बार ऐसी अप्रिय घटनाएं सुनने के लिए मिलती है जिसमे नवजात शिशुओं को उनके परिजनों द्वारा झाडी, पोखर या नाले में फेंक दिया जाता है जो की एक अमानवीय घटना है। कोई भी व्यक्ति जो बच्चे का त्याग करना चाहते हैं, वे उन्हें फेंके नहीं, पालना में रख दें, विभाग उस बच्चे का लालन-पालन करेगी। 

यूनिसेफ-एक्शन ऐड के जिला समन्वयक अमित कुमार ने बाल विवाह उन्मूलन कार्य योजना (डीआईपी) के विषय में बताते हुए कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जो वर्षों से चली आ रही है, इसके उन्मूलन के लिए सभी की सहभागिता जरुरी है। बाल विवाह के लिए तैयार की गयी जिला स्तरीय कार्य योजना में सभी संबंधित विभाग, संस्था, हितधारकों को सम्मिलित किया गया है। 

बैठक में उपस्थित सभी ने अपने अनुभव को साझा किया एवं समस्याओं एवं चुनौतियों पर विचार- विमर्श किया।

चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक ने चाइल्ड लाइन द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया। 

बैठक के अंत में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बाल विवाह उन्मूलन एवं पालना के विषय में व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा। शिक्षा विभाग द्वारा प्रखंड के सभी विद्यालयों में नियमित रूप से जागरूकता कार्यक्रम करने कहा। शिक्षा विभाग की यह जवाबदेही है कि वे बच्चों का विद्यालय में ठहराव सुनिश्चित करें। चाइल्ड लाइन को बाल विवाह, बाल श्रम आदि में बच्चों को रेस्क्यू कराने में आवश्यक सहयोग करने कहा। सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मियों को बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संदर्भित बच्चों को स्पॉन्सरशिप एवं अन्य योजनाओं से जोड़ने में सकारात्मक सहयोग करने का निदेश दिया।

प्रत्येक त्रैमास में नियमित बैठक कर पूर्व में दिए गए निदेशों की समीक्षा की घोषणा के साथ बैठक की समाप्ति की गयी।


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Editor - भुपेन्द्र कुमार चौबे

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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