ग्राम समाचार, भागलपुर। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर गुरुवार को मानव अधिकार संगठन ने जनसंवाद सह परिचर्चा क आयोजन किया। जिसमें संगठन के महासचिव सह सूचना अधिकार कार्यकर्ता अजीत कुमार सिह नें कहा कि "इंसानों के अधिकारों की पहचान देने और इसके बजट के अस्तित्व को बरकरार रखने, अधिकार की हर लड़ाई को ताकत देने के लिए विश्व भर में अंर्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। संगठन भी इसके लिए दृढ संकल्पित है। मानवाधिकार आचरण का विषय है, इसके लिए संघर्ष नहीं समझ की जरूरत है। इस दिवस पर मानव अधिकार संगठन ने व्यक्तिगत व सामाजिक गुणों के सम्मानार्थ, शैलेन्द्र सराफ, मनोज कुमार पाण्डेय, छाया पाण्डेय, सुनील जैन, बिरेन्द्र नारायण सिंह, राकेश रंजन. डॉ० प्रीति शेखर, सुजीत लाल, आलोक अग्रवाल, अधिवक्ता सुनील कुमार, डॉ0 अजय कुमार सिंह, दयानद जयसवाल. राय प्रवीर जी, प्रो० (डॉo) देवज्योति मुखर्जी, लखन लाल पाठक को "स्वस्ति सम्मान से विभूषित किया गया। इस अवसर पर शैलेन्द्र सराफ ने कहा कि अधिकार हमारे जीवन की ऐसी परिस्थितियां है जिनके बिना सामान्यतया कोई व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का पूर्ण विकास नहीं कर सकता।" इस अवसर पर कौशल किशोर सिंह ने कहा आधुनिक समाज मानव अधिकारों के संदर्भ में पूर्णरूप से जाग्रत है। समाज के सभी वर्ग, चाहे वो महिला हो, बालक हो, वृद्धजन हो या समाज के दूसरे अन्य कमजोर वर्ग हो सभी को मानवाधिकारों से लाभान्वित करने का प्रयास निरन्तर किया जा रहा है।" सुजीत लाल ने कहा मानवाधिकार तो हम मानवों के चलते ही खतरे में है इसान अपने अधिकारों को लेकर जितना सजग रहता है, दूसरों के अधिकार उसे उतना ही चुभता है। अधिकारों के लिए उसकी भूख दूसरों के अधिकारों को हड़पने के बाद ही शांत होती है फिर चाहे सुनियोजित एवं विस्तृत रूप है। समानता का अधिकार हो या स्वतंत्रता का अधिकार अभिव्यक्ति का अधिकार हो या जीवन का अधिकार। इस अवसर पर मनोज पांडेय ने कहा गाँधी जी ने कहा था "हमारे अधिकारों का सही श्रोत हमारे कर्तव्य होते हैं और यदि हम अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वाह करेंगे तो हमें अधिकार मांगने की आवश्यकता नहीं होगी। छाया पांडे ने कहा किसी भी इंसान की जिन्दगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है। दयानंद जैसवाल ने कहा भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा भी देती है। मो० अब्दुर रब, तनवीर हसन, रणजीत कुमार ठाकुर, विकाश कुमार निराला, संतोष कुमार सुमन कुमार, अरूण कुमार पासवान, इत्यादि ने भी अपने-अपने उदगार व्यक्त किया।
Bhagalpur news:अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर जनसंवाद सह परिचर्चा क आयोजन, अधिकार की हर लड़ाई को ताकत देने के लिए विश्व भर में मनाया जाता है अंर्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस
ग्राम समाचार, भागलपुर। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर गुरुवार को मानव अधिकार संगठन ने जनसंवाद सह परिचर्चा क आयोजन किया। जिसमें संगठन के महासचिव सह सूचना अधिकार कार्यकर्ता अजीत कुमार सिह नें कहा कि "इंसानों के अधिकारों की पहचान देने और इसके बजट के अस्तित्व को बरकरार रखने, अधिकार की हर लड़ाई को ताकत देने के लिए विश्व भर में अंर्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। संगठन भी इसके लिए दृढ संकल्पित है। मानवाधिकार आचरण का विषय है, इसके लिए संघर्ष नहीं समझ की जरूरत है। इस दिवस पर मानव अधिकार संगठन ने व्यक्तिगत व सामाजिक गुणों के सम्मानार्थ, शैलेन्द्र सराफ, मनोज कुमार पाण्डेय, छाया पाण्डेय, सुनील जैन, बिरेन्द्र नारायण सिंह, राकेश रंजन. डॉ० प्रीति शेखर, सुजीत लाल, आलोक अग्रवाल, अधिवक्ता सुनील कुमार, डॉ0 अजय कुमार सिंह, दयानद जयसवाल. राय प्रवीर जी, प्रो० (डॉo) देवज्योति मुखर्जी, लखन लाल पाठक को "स्वस्ति सम्मान से विभूषित किया गया। इस अवसर पर शैलेन्द्र सराफ ने कहा कि अधिकार हमारे जीवन की ऐसी परिस्थितियां है जिनके बिना सामान्यतया कोई व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का पूर्ण विकास नहीं कर सकता।" इस अवसर पर कौशल किशोर सिंह ने कहा आधुनिक समाज मानव अधिकारों के संदर्भ में पूर्णरूप से जाग्रत है। समाज के सभी वर्ग, चाहे वो महिला हो, बालक हो, वृद्धजन हो या समाज के दूसरे अन्य कमजोर वर्ग हो सभी को मानवाधिकारों से लाभान्वित करने का प्रयास निरन्तर किया जा रहा है।" सुजीत लाल ने कहा मानवाधिकार तो हम मानवों के चलते ही खतरे में है इसान अपने अधिकारों को लेकर जितना सजग रहता है, दूसरों के अधिकार उसे उतना ही चुभता है। अधिकारों के लिए उसकी भूख दूसरों के अधिकारों को हड़पने के बाद ही शांत होती है फिर चाहे सुनियोजित एवं विस्तृत रूप है। समानता का अधिकार हो या स्वतंत्रता का अधिकार अभिव्यक्ति का अधिकार हो या जीवन का अधिकार। इस अवसर पर मनोज पांडेय ने कहा गाँधी जी ने कहा था "हमारे अधिकारों का सही श्रोत हमारे कर्तव्य होते हैं और यदि हम अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वाह करेंगे तो हमें अधिकार मांगने की आवश्यकता नहीं होगी। छाया पांडे ने कहा किसी भी इंसान की जिन्दगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है। दयानंद जैसवाल ने कहा भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा भी देती है। मो० अब्दुर रब, तनवीर हसन, रणजीत कुमार ठाकुर, विकाश कुमार निराला, संतोष कुमार सुमन कुमार, अरूण कुमार पासवान, इत्यादि ने भी अपने-अपने उदगार व्यक्त किया।
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