ग्राम समाचार, भागलपुर। कृषि और देश को बर्बाद करने वाला कृषि सम्बंधित तीनों संसोधित काले कानून के खिलाफ राज्यव्यापी चक्का जाम के आह्वान पर शनिवार भाकपा-माले, अखिल भारतीय किसान महासभा व खेग्रामस संयुक्त रुप से सड़कों पर उतरा। तीनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रुप से घंटों एनएच-31 को जाम रखा। केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में तथा किसान आंदोलन के समर्थन में नारे बुलन्द करते हुए झंडे-बैनर के साथ प्रदर्शन किया और किसान विरोधी तीनों संशोधित काले कानून को वापस लेने, लागत का डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का, धान आदि फसल के सरकारी खरीद की गारण्टी करो तथा प्रस्तावित बिजली बिल 2020 वापस लेने आदि की मांग की। चक्का जाम का नेतृत्व* भाकपा-माले व 'अखिल भारतीय किसान महासभा' (अभाकिम) के जिला सचिव बिन्देश्वरी मंडल, ऐक्टू के राज्य सचिव सह भाकपा-माले के नगर प्रभारी मुकेश मुक्त तथा 'खेत व ग्रामीण मजदूर सभा' (खेग्रामस) के जिला अध्यक्ष व भाकपा-माले के रंगरा प्रभारी पुरुषोत्तम दास ने संयुक्त रुप किया। चक्का जाम कर रहे प्रदर्शनकारियों, मीडियाकर्मियों एवं आम नागरिकों को संबोधित करते हुए उक्त नेतृत्वकर्ताओं ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों के साथ वार्ता का ड्रामा कर रही है सरकार। जबकि किसानों का बिल्कुल साफ और स्पष्ट मांग है कि सरकार इस कानून को अविलम्ब वापस ले। मोदी सरकार द्वारा लाया गया सम्बधित तीनों संशोधित कृषि कानून, पूरे देश के कृषि व्यवस्था को न सिर्फ चौपट करेगा बल्कि देश को भी बर्बाद करेगा। इसके जरिए केंद्र की भाजपा सरकार पूरे कृषि क्षेत्र को कारपोरेट घरानों, कुछ गिने-चुने मुट्ठी भर पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है। इस साजिश को देश के किसान और आम नागरिक अब जान चुके हैं। अगर जल्द ही आंदोलनकारी किसानों की मांगें पूरी नहीं की गयी तो 8 दिसम्बर को भारत बंद का भी आह्वान किया जा सकता है। आज के चक्का-जाम कार्यक्रम में उपरोक्त नेतृत्वकर्ता सहित संथालजी, सुशील कुमार भारती, आशुतोष यादव, बिहारी शर्मा, महेंद्र मंडल, नंदलाल मंडल, हुक़ूमलाल मंडल, विनोद शर्मा, कन्हैया शर्मा, मिथलेश शर्मा, भुखन शर्मा, जयप्रकाश, वीरबल मंडल, दीपक कुमार, वौकू मंडल, रामसेवक शर्मा आदि शामिल हुए।
Bhagalpur news:किसान विरोधी तीनों काले कानून के विरोध में राज्यव्यापी चक्का जाम के आह्वान पर भाकपा-माले ने किया सड़क जाम
ग्राम समाचार, भागलपुर। कृषि और देश को बर्बाद करने वाला कृषि सम्बंधित तीनों संसोधित काले कानून के खिलाफ राज्यव्यापी चक्का जाम के आह्वान पर शनिवार भाकपा-माले, अखिल भारतीय किसान महासभा व खेग्रामस संयुक्त रुप से सड़कों पर उतरा। तीनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रुप से घंटों एनएच-31 को जाम रखा। केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में तथा किसान आंदोलन के समर्थन में नारे बुलन्द करते हुए झंडे-बैनर के साथ प्रदर्शन किया और किसान विरोधी तीनों संशोधित काले कानून को वापस लेने, लागत का डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का, धान आदि फसल के सरकारी खरीद की गारण्टी करो तथा प्रस्तावित बिजली बिल 2020 वापस लेने आदि की मांग की। चक्का जाम का नेतृत्व* भाकपा-माले व 'अखिल भारतीय किसान महासभा' (अभाकिम) के जिला सचिव बिन्देश्वरी मंडल, ऐक्टू के राज्य सचिव सह भाकपा-माले के नगर प्रभारी मुकेश मुक्त तथा 'खेत व ग्रामीण मजदूर सभा' (खेग्रामस) के जिला अध्यक्ष व भाकपा-माले के रंगरा प्रभारी पुरुषोत्तम दास ने संयुक्त रुप किया। चक्का जाम कर रहे प्रदर्शनकारियों, मीडियाकर्मियों एवं आम नागरिकों को संबोधित करते हुए उक्त नेतृत्वकर्ताओं ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों के साथ वार्ता का ड्रामा कर रही है सरकार। जबकि किसानों का बिल्कुल साफ और स्पष्ट मांग है कि सरकार इस कानून को अविलम्ब वापस ले। मोदी सरकार द्वारा लाया गया सम्बधित तीनों संशोधित कृषि कानून, पूरे देश के कृषि व्यवस्था को न सिर्फ चौपट करेगा बल्कि देश को भी बर्बाद करेगा। इसके जरिए केंद्र की भाजपा सरकार पूरे कृषि क्षेत्र को कारपोरेट घरानों, कुछ गिने-चुने मुट्ठी भर पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है। इस साजिश को देश के किसान और आम नागरिक अब जान चुके हैं। अगर जल्द ही आंदोलनकारी किसानों की मांगें पूरी नहीं की गयी तो 8 दिसम्बर को भारत बंद का भी आह्वान किया जा सकता है। आज के चक्का-जाम कार्यक्रम में उपरोक्त नेतृत्वकर्ता सहित संथालजी, सुशील कुमार भारती, आशुतोष यादव, बिहारी शर्मा, महेंद्र मंडल, नंदलाल मंडल, हुक़ूमलाल मंडल, विनोद शर्मा, कन्हैया शर्मा, मिथलेश शर्मा, भुखन शर्मा, जयप्रकाश, वीरबल मंडल, दीपक कुमार, वौकू मंडल, रामसेवक शर्मा आदि शामिल हुए।
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