ग्राम समाचार रांची, ब्यूरो रिपोर्ट:- राज्य के श्रमिकों का कल्याण और उनका सर्वांगीण विकास वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है, इसके लिए विभाग के रिक्त पदों को भरने के लिए जनवरी 2021 तक रोड मैप तैयार करें। श्रमिकों के लिए रफ्तार से काम करने वाली टीम बनाएं। श्रमिक आजीवन मजदूर नहीं रहेंगे। झारखण्ड को श्रमिक प्रधान राज्य के रूप में पहचान मिली है, इससे बाहर निकलना होगा। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जरूरतें बदल चुकीं हैं। इन जरूरतों के अनुसार नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करना होगा। उन्हें प्रोत्साहित करने एवं अवसर देने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में यह नई पीढ़ी राज्य के सशक्त आधार बन कर उभरेंगे। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निदेश दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक सरकार की जानकारी में हैं, इससे अधिक भी हो सकते हैं, उनका भी निबंधन कराएं। इनके कल्याण के लिए विभाग कार्य योजना तैयार करे। अंतरराज्यीय पलायन की स्थिति और श्रमिकों की संख्या का जुटान करें। ऐसे श्रमिकों के लिए टोलफ्री नंबर जारी करें, जिससे वे अपनी परेशानी साझा कर सकें और सरकार को उनकी परेशानियों के निवारण का अवसर मिल सके। उनके मौन को गंभीरता से सुनने और समझने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीआई में सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले बच्चों को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण देना उचित होगा। बाजार में सर्वे कराएं। अगले पांच वर्ष में बाजार की मांग क्या होगी, उस मांग के अनुसार प्रशिक्षण दें। ताकि वे रोजगार/स्वरोजगार प्राप्त कर सकें। विभाग राज्य में संचालित उद्योगों से वार्ता कर प्रशिक्षित बच्चों के समायोजन की दिशा में कार्य करे। वेल्डर, मोटर मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, ट्रांसफर्मर रिपेयरिंग, पलम्बरिंग समेत अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण बच्चों को दें। आधुनिक तकनीक से बच्चों का प्रशिक्षण सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा भी अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती है। विधायकगण के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर श्रमिकों की लाभकारी योजना की जानकारी दें, जिससे जनप्रतिनिधि क्षेत्र के श्रमिकों को लाभान्वित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने योजना मद की वर्ष 2020-21 में उपबंधित राशि के विरुद्ध निर्गत स्वीकृति आदेश, आवंटनादेश तथा अद्यतन व्यय की स्थिति, निदेशालय नियोजन एवं प्रशिक्षण, विभाग द्वारा संचालित विभिन्न मुख्य योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति, असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, चिकित्सा सहायता योजना, असंगठित कर्मकार के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना, असंगठित कर्मकार बीमा योजना, अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूरों का सर्वेक्षण एवं पुनर्वास योजना, मॉडल आईटीआई, युवाओं के लिए कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना, भारत सरकार से प्राप्त राशि तथा उसके व्यय की अद्यतन स्थिति, रिक्त पदों को भरने की कार्य योजना, कौशल विकास केंद्रों की स्थिति, समेत विभाग की अन्य गतिविधियों से अवगत हुए।
बैठक में मंत्री श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सचिव श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग प्रवीण कुमार टोप्पो, निदेशक श्रम, श्रमायुक्त ए मुथु कुमार, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग नेहा अरोड़ा, निदेशक कौशल विकास व विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
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