ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानो का संघर्ष जारी है। सरकार के साथ किसानों की कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद किसानो द्वारा दिल्ली-जयपुर हाइवे को 12 दिसंबर से जाम करने की चेतावनी के बाद बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है जयपुर से दिल्ली की और जाने वाले वाहन की जाँच की जा रही है। राजस्थान से रेवाड़ी सीमा से लगते जय सिंह पुर खेड़ा बॉर्डर पर पुलिस की मुस्तैदी बढ़ा गई है। पुलिस द्वारा वाहनों की जाँच पड़ताल कर आगे जाने की अनुमति दी जा रही है। इन दिनों सरकार और किसानों के बीच चल रहे मसले पर राष्ट्रीय प्रगतिशील विचारक एवं सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता अशोक प्रधान लोक सेवा मंच ने जनहित में पीएम मोदी को पत्र लिखा है । सामाजिक कार्यकर्ता अशोक प्रधान लोक सेवा मंच ने कहा कि सरकार जनता के लिए होती है, जनता सरकारों के लिए नहीं होती । जब कभी जनता किसी जायज मांग और अपने वाजिब हक के लिए अड़ जाए और नौबत आमने-सामने की आ जाए तो सरकार को झुक जाना चाहिए। यही लोकतंत्र की एक छटा भी है और इसमें सरकार का कोई अहम आड़े नहीं आना चाहिए । पहले भी सरकारें झुकती रही हैं और किसानों के मसले पर भी सरकार को झुकना चाहिए । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक संगठन लोक सेवा मंच का मत है कि खेती-बाड़ी किसानों का कारोबार नहीं है, बल्कि यह उनका तथा कृषि से जुड़े देश के अन्य लाखों लोगों का जीवन रक्षक रोजगार है । और यदि इस रोजगार को बचाने के लिए उन्हें लड़ाई लड़नी पड़ रही है , तो सरकार को गंभीरता से उनकी बात सुननी चाहिए । उनके रोजगार सुरक्षा तथा उत्पादों को एमएसपी पर खरीद की गारंटी देनी ही चाहिए । भले ही उनकी पूरी फसल खरीदने की गारंटी न दी जाए मगर उनके उत्पाद को एमएसपी से नीचे नहीं खरीदने का कानूनी प्रावधान जरूर किया जाना चाहिए ताकि अन्नदाता किसान कॉरपोरेट्स के हाथों लुटने न पाए और उसकी मेहनत ओने-पौने दामों में न खरीदी जाए । इस कड़ी में उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के रोजगार और उत्पाद की एमएसपी पर खरीद की गारंटी को किसी पार्टी के खिलाफ या किसी की साजिश के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए । बल्कि यह तो एक ऐसा मसला है जो देश के अन्नदाता किसान तथा सरकार के बीच का है । जन कल्याणकारी राज्य में सरकार का दायित्व बनता है कि वह जनता खासकर देशवासियों के लिए रोजी-रोटी पैदा करने वाले किसानों की समस्याओं का समाधान करें और उनकी सारी चिंताओं, आशंकाओं, नाराजगियों को इस हद तक दूर किया जाए कि वे संतुष्ट होकर देश के लिए अधिकाधिक कृषि उत्पादन बढ़ाने की दिशा में फिर से काम करने लग जाएं। इसी में हमारे देश की, सब पार्टियों, धर्मो, जातियों, संप्रदायों, कौमों तथा सरकारों की भलाई यहां तक कि सबका हित, जनहित है ।
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Rewari News : कृषि कानूनों के विरोध में किसानो का संघर्ष जारी, दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित खेड़ा बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई
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