रेवाड़ी में किसान संगठनों द्वारा शनिवार को प्रदेश भर में केंद्र सरकार का पुतला जला कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व किसान संगठनों की और से राजीव चौक पर धरना दिया गया। वहीँ धरना स्थल पर किसानों की फुट उजागर। अपने अपने संगठन का नाम लेने को लेकर किसान संगठन के नेताओ में आपस में तीखी नोक झोक हुई। कृषि बिलो के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन को पर अब सियासत भी खूब हो रही है विभिन्न राजनितिक दलों के नेता किसानो को समर्थन देने की बात कहकर सहानुभूति बटोरने में लगे है। शनिवार को समर्थन देने पूर्व बिजली मंत्री कैप्टन अजय यादव भी पहुंचे जहां कार्यकर्ताओ में आपस में तू तू मैं मैं सामने आयी। कैप्टन अजय सिंह यादव ट्रेक्टर पर सवार होकर कार्यकर्ताओं के साथ किसानों को समर्थन देने पहुंचे थे। वही रेवाड़ी से इनैलो नेता और पूर्व आम आदमी पार्टी प्रत्याशी राजेश शर्मा बिठवाना ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनैलो नेता ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह 11 बजे गुरुग्राम के खिड़की दौला टोल प्लाजा पर अनशन पर बैठेंगे जब तक काला कानून वापस नहीं होगा तब तक अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे। राजेश शर्मा ने कहा पुलिस उसे जेल लेकर जाएंगी वहां भी अनशन जारी रहेगा। कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति को पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने किसान कांग्रेस के सैंकडों लोगों के साथ राजीव चौक पर पहूंचकर अपना समर्थन दिया। कैप्टेन अजय सिंह अपने निवास स्थान से टै्रक्टर स्वंय चलाकर ले गए। वहीं किसान कांग्रेस के लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए महामहिम राष्ट्रपति के नाम एसडीएम रेवाडी को ज्ञापन भी सौंपा। कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार ने हाल ही में 3 कृषि कानून पास किए हैं। इन कानूनों को सरकार द्वारा किसानों पर जबरदस्ती थौंपा जा रहा है। देश में किसी भी किसानों ने कोई कानून की मांग नही की थी। बावजूद इसके केंद्र सरकार ने 3 काले कानून किसानों को थौंप दिए हैं। केंद्र सरकार ने कारपोरेट के दबाव में आकर जो काले कानून पास किए हैं, उससे हमारे देश की पूरी की पूरी कृषि व्यवस्था पलट जाएगी। इतना ही नहीं कांट्रेक्ट फारमिंग में किसान भाई कोर्ट का दरवाजा भी नही खटखटा पाएगें, सरकार ने सारी पावर अपने पास ही रखी है। उन्होंने कहा कि एम एस पी की मांग को लेकर गांधीवादी तरीके से दिल्ली जा रहे किसानों को जबरन रोकना और भीषण ठंड में वाटर कैनल चलाना भाजपा सरकार की तानाशाही को ब्यां कर रहा है। एम एस पी की गारंटी किसानों का मूल अधिकार है। जब किसान कोई फसल बोता है तो उसे अंदाजा होता है कि उसकी फसल को सरकार कम से कम इस मूल्य के आसपास तो खरीदेगी ही, उसी हिसाब से किसान फसल में खर्च करता है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी, किसानों की पीडा भूलकर काशी में देव दीपावल मना रहे हैं। जोकि बहूत ही पीडा दायक है। इतना ही नही काशी की परित्र भूमि से भी मोदी जी किसानों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं ये बोलकर कि किसानों को विपक्ष भ्रमित कर रहा है। ये कह कर भी मोदी जी ने किसानों का अपमान किया है। जबकि किसानों को कोई भ्रमित नह कर सकता है। वे अपने भविष्य के लिए लड रहे हैं और हम तन-मन-धन से किसानों के साथ खडे हैं। श्री यादव ने कहा कि अब दक्षिणी हरियाणा के किसानों को भी बाहर निकलना चाहिए और देश में काले कानूनों के खिलाफ किसान भाईयों की आवाज को बुलंद करना चाहिए। किसान कांगे्रस ने अपने ज्ञापन के माध्यम से मांगे रखी हैं कि केंद्र सरकार ने जो काले कानून पास किए हैं उनको वापिस लिया जाए। न्युतम समर्थन मूल्य का कानून लाया जाए। कारपोरेट जगत का जो कानून बनाया है उसमें न्यायालय के दरवाजे खुले रखे जाए। इस आंदोलन में जिन किसानों ने दम तोडा है, उनको मुआवजा दिया जाए। जिन किसानों भाईयों पर मुकदमें दर्ज किए हैं, उन मुकदमों को वापिस लिया जाए और किसान भाईयों को सबसीडी दी जाए। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगे पूरी नही हो जाती हैं तब तक किसानों के साथ हैं।
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Rewari News : कृषि बिलों को रद्द करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार का पुतला फूंका
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