ग्राम समाचार न्यूज : प्रबंधन विभाग, इंदिरा गाँधी विश्वविद्यालय द्वारा व्यक्तित्व विकास पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर लाइफ स्किल्स एंड सॉफ्ट स्किल्स की एडिशनल डायरेक्टर डॉ० दिव्या मल्हान ने MBA के प्रथम तथा द्वितीय वर्ष के छात्रो को व्यक्तित्व विकास के पहलुओं के बारे में व्याख्यान दिया। उन्होंने जीवंत उदाहरणों के साथ व्यक्तित्व के विकास की यात्रा पर प्रकाश डाला। व्यक्ति के दृष्टिकोण और व्यक्तित्व बाल्यकाल में ही निर्धारित हो जाता है। 5 साल तक के बच्चे को भगवान, 6-12 साल तक के बच्चे को बादशाह, 13-18 साल के बच्चे को सेवक और 18 साल से अधिक आयु के बच्चे को दोस्त की तरह समझना चाहिए। बच्चा बड़ो के व्यवहार से सीखता है, ना कि किताबी बातों से। हमारा दृष्टिकोण और व्यक्तित्व हमारे व्यवहार को प्रभावित करता है। अतः व्यक्तित्व के विकास से हमारी व्यवारिक कुशलता भी बढ़ती है। प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० वी के कौशिक और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० भारती ने व्याख्यान के समन्वयक की भूमिका निभाई।
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