कुरुक्षेत्र : मंगलवार को सहकारिता मंत्री डॉ० बनवारी लाल ने कहा कि गीता शक्ति का प्रतीक है, गीता अध्यात्म और शांति का रास्ता है। सदियों वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, इन उपदेशों को आज भी अपने जीवन में शामिल की जरूरत है। श्रीमदभगवद गीता भगवान का भेजा हुआ संदेश है। गीता ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन का जीता जागता दर्शन है, गीता स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र देती है तथा गीता जीवन जीने की कला है। सहकारिता मंत्री डॉ० बनवारी लाल जी मंगलवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि पहले कुरुक्षेत्र को महाभारत की भूमि कहा जाता था लेकिन इसे अब भगवद गीता की भूमि कहा जाने लगा है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर व्यक्ति को गीता का ज्ञान मिले इसके मध्यनजर इस बार अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का सीधा प्रसारण ऑनलाईन प्रणाली के माध्यम से विदेशों व देश के गांव-गांव तक किया जा रहा है, 21वीं सदी में गीता औषधी के सामान है, गीता का ज्ञान सबको होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण कार्यक्रमों का आयोजन सीमित मात्रा में किया गया है। इस बार कार्यक्रमों का आयोजन वर्चुअल, आनलाईन और सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है। इसके साथ-साथ गांव स्तर पर भी आनलाईन माध्यम से इन कार्यक्रमों को देखने की व्यवस्था की गई है।
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Kurukshetra News : गीता शक्ति का प्रतीक, गीता अध्यात्म और शांति का रास्ता : डॉ० बनवारी लाल
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