आज के कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि परहेज़ एक ऐसी शैली है जिसे अपना कर किसी भी बीमारी की संभावना को 99 फीसदी तक कम कर देता है। वैश्विक महामारी कोरोना काल में इसका उदाहरण देखने को मिला। इस दौरान दवा की जगह एहतियाती उपायों ने काम किया। समाजिक दूरी, मास्क व सफाई जैसी शैली को अपना कर कोविड-19 के प्रकोप को कंट्रोल किया जा सका है।उपायुक्त ने कोविड-19 के दौरान एनएसएस, एनसीसी व महाविद्यालय के छात्रों व शिक्षकों की भूमिका की सराहना की। साथ ही कहा कि अब कोविड-19 की वैक्सीन जल्द आने की संभावना है। लेकिन फिर भी सभी को जीवन से मिली इस सीख को आत्मसात रखने की ज़रूरत है।
उपायुक्त ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए अपने पर्यावरण को बचाना होगा। वातावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़, पहाड़, जीव की सुरक्षा हमारी जिम्मेवारी है। जिला प्रशासन के साथ सरकार की भी पहल हो रही है कि जिले में चलने वाले क्रेशर पर लगाम लगाया जाए।।वन्य प्रमंडल पदाधिकारी विकास पलिवाल ने कहा कि संकट की घड़ी से हमसभी उबरने के करीब हैं। लेकिन हमसबों को एहतियाती उपायों का दामन अभी छोड़ना नहीं है।आज के कार्यक्रम संयोजक एनएसएस के नोडल अधिकारी डॉ रणजीत सिंह ने कोरोना संक्रमण काल मे एनएसएस के कार्यों की जानकारी देते हुए सदस्यों की सराहना की और कहा कि एनएसएस छात्रों ने संकट के दौरान कोरोना योद्धा बन कर काम किया।
आज के कार्यक्रम में रिलायंस फाउंडेशन के कुणाल कुमार दास,जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक कुमार,शिक्षक डॉ अनिल कुमार ठाकुर,डॉ ध्रुव ज्योति सिंह,मरियन हेंब्रम,सैमी मरांडी,धर्मेंद्र यादव, मिथिलेश मंजुल, मिथिलेश कुमार, डॉ संतोष चौधरी,भुवनेश्वर मांझी,दीपक दास,प्रकाश रंजन,प्रशांत भारती,नितिन कुमार,डेविड यादव,चन्द्रशेखर प्रामाणिक,घनश्याम, छात्र नायक लक्ष्मण मुर्मू, रंजन, चितरंजन रविदास,विकास मुर्मू,बिना टूडू,अलीशा हेंब्रम सहित अनेकों छात्र छात्राएं मौजूद थे।
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