ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- अनुमंडल पदाधिकारी गोड्डा ऋतुराज ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड संक्रमित मरीज के निजी एम्बुलेंस द्वारा परिवहन व्यय/भाड़ा के संबंध में सचिव, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखण्ड सरकार, के द्वारा निम्न प्रकार से निदेश निर्गत किया गया है:-
*एम्बुलेंस चालक के उपयोग हेतु PPE Kit के लिए लागत राशि 500/- रू0 मात्र का भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा (अगर उपभोक्ता/मरीज के परिवार द्वारा PPE Kit उपलब्ध करवाया जाता है तो एम्बुलेंस चालक को इसके लिए अलग से राशि का भुगतान नहीं करना है।)
*सामान्य एम्बुलेंस (वेंटिलेटर रहित) के लिए:-
*यात्रा के आरंभ से अधिकतम 10 किलोमीटर तक के लिए 500/-रू0 मात्र का भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा।
*10 किलोमीटर के उपरान्त तय दुरी की गणना प्रति किलोमीटर अधिकतम 12/-रू0 मात्र की दर से करते हुए भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा।
*एडवांस एम्बुलेंस (वेंटिलेटर सहित) के लिए:-
*यात्रा के आरंभ से अधिकतम 10 किलोमीटर तक के लिए 600/-रू0 मात्र का भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा।
10 किलोमीटर के उपरान्त तय दुरी की गणना प्रति किलोमीटर अधिकतम 14/-रू0 मात्र की दर से करते हुए भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जायेगा।
*कुल दुरी की गणना, एम्बुलेंस द्वारा एम्बुलेंस के गन्तव्य स्थान से यात्रा आरंभ के साथ, यात्रा के समापन के उपरांत वापस उसके गन्तव्य अस्पताल तक आने-जाने के दौरान तय की गयी कुल दूरी (किलोमीटर) होगी।
*एम्बुलेंस के सैनिटाईजेशन के लिए 200/-रू0 मात्र का भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जायेगा।
*मरीज को आक्सीजन सप्लाई का शुल्क परिवहन व्यय के अंतर्गत निहित होगा अर्थात् उपभोक्ता द्वारा अलग से राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा।
अतः गोड्डा जिला के सभी सरकारी/निजी अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी एवं एम्बुलेंस मालिक/चालक को आदेश दिया जाता है कि वे सरकार द्वारा निर्धारित उपरोक्त रेट चार्ट को अपने अस्पताल/वाहन में चिपकाते हुए इसका अनुपालन कर वाहन का लाॅग बुक भी संधारित करना सुनिश्चित करेगें। साथ ही गोड्डा जिला के एम्बुलेंस मालिकों को निदेशित किया जाता है कि वे अपने- अपने एम्बुलेंस से संबंधित विवरणी अनुमंडल कार्यालय, गोड्डा के गोपनीय शाखा में दो दिनों के अंदर समर्पित करना सुनिश्चित करेंगे। औचक निरीक्षण के क्रम में यदि किसी प्रकार की चुक पाई जाती है तो दोषी के विरूद्ध Disaster Management Act, 2005 & IPC की धारा 188 के तहत् कार्रवाई की जायेगी।
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