ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी जिले की आरक्षित सीट बावल विधानसभा को अनारक्षित करने की मांग उठने लगी है। इसके लिए सामाजिक संगठनों द्वारा बकायदा हस्ताक्षर अभियान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सामाजिक संगठनों ने बावल के पिछड़ेपन के लिए आरक्षण को जिम्मेदार माना है। संगठन का कहना है कि बावल विधानसभा सीट सन 1967 से रिजर्व सीट चली आ रही है जिस कारण इसमें सभी भागेदारी नहीं होने के कारण बावल क्षेत्र विकास में पिछड़ गया है। हालाँकि तब से अब तक बावल रिजर्व सीट है हमेशा से ही यहाँ विपक्षी पार्टियों से विधायक चुने गए है लेकिन अब दो योजना से यहाँ बीजेपी का विधायक सत्ता पर काबिज़ है लेकिन फ़िर भी आम लोगो की राजनीती में भागेदारी नहीं होने के कारण बावल का उतना विकास नहीं हुआ है जितना की होना चाहिए।
संगठन से जुड़े नवल सिंह जांगू ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उनके द्वारा हस्ताक्षर अभियान की मुहीम चलाई गई है। बावल से रिजर्वेशन हटाने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान पूरा होने के बाद एक मांग पत्र उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति और चुनाव आयोग को सौपा जायेगा। जांगू ने कहा कि वे इस लड़ाई को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जायेंगे। जांगू ने कहा कि वे आरक्षण के खिलाफ नहीं है बल्कि आरक्षण के पक्षधर है लेकिन बहुत लम्बे समय से यह सीट आरक्षित होने के कारण इसका विकास रुक गया है। जबकि यह औद्योगिक हब है यहाँ सैंकड़ो औद्योगिक इकाइयां है। बावजूद इसके यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। इसलिए यहाँ से आरक्षण हटाकर इसे जनरल सीट बनाया जाये भले ही रेवाड़ी या कोसली विधानसभा सीट को आरक्षित किया जाये ताकि राजनीती में सभी की भागेदारी सुनिश्चित की जा सके।
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