ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। जिला मत्स्य पदाधिकारी, बांका द्वारा बताया गया कि जिला मत्स्य कार्यालय की स्थापना वर्ष 1998-99 में हुई। स्थापना से लेकर अब-तक जिला मत्स्य कार्यालय जिले के मत्स्य विकास तथा इस कार्य में लगे मत्स्य कृषकों आर्थिक, समाजिक उत्पादन हेतु सतत प्रयत्नशील है। जिले का प्रमुख व्यवसाय खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन है। बांका जिले में कुल हस्तांतरित जलकरों की संख्या (सरकारी) 846 है। कुल हस्तांतरित जलकरों का रकवा 1355 हे0 है। कुल तालाबों एवं पोखरों की संख्या (निजी) 4169 है। कुल तालाबों एवं पोखरों का रकबा 1321 हे0 है। कुल जलाशयों की संख्या-10 है। कुल जलाशयों का जल क्षेत्र 4169 हे0 है। नहरों की लंबाई-665 किलोमीटर है। सात प्रमुख
नदियों की लंबाई-70 किलोमीटर है। मछुआरों की जनसंख्या (2011)-1.80 लाख है। बांका जिले में मछली की वर्तमान मांग लगभग-13.41 हजार मीट्रिक टन है। पिछले 2 वर्षों का मत्स्य उत्पादन 2020-21 - 11.07 हजार मीट्रिक टन, 2021-22 - 12.07 हजार मीट्रिक टन। हैचरी-03 है। मत्स्य जीवी सहयोग समितियों की संख्या 11, मत्स्य जीवी सहयोग समितियों के सदस्यों की संख्या-3546, सरकारी जलकरों से राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य (2020-21 एवं 2021-22)-21.006 लाख/20.97, सरकारी जलकरों से राजस्व प्राप्ति की उपलब्धि-22.68 लाख/19.1323 लाख, राजस्व प्राप्ति लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि का प्रतिशत-107/91.23, सरकारी जलकरों कि बंदोबस्ती द्वारा लाभान्वित सदस्यों की संख्या-2475 है। जिला मत्स्य कार्यालय, बांका लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता, बौंसी।
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