ग्राम समाचार,चांदन,बांका। प्रखंड मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर विश्व प्रसिद्ध कांवरिया पथ के पटनियां धर्मशाला के पूरव स्थित पोखरा के नजदीक 64 लाख लागत लगाकर 2008 में लोहे पुल का निर्माण किया गया था। साथ ही यात्रियों की सुविधा हेतु एक जोर को बांधकर एक भव्य पोखरा का भी निर्माण किया गया था। इसके साथ ही पोखरा में उतरने के लिए सीढ़ी नुमा बनाया गया था। यात्रीगण यात्री पथ के इर्द-गिर्द अपनी कांवर स्टैंड पर कांवर रखकर नीचे उतर कर स्नान करते थे।. जो दुर्भाग्य की बात यह की न्यू कांवरिया पथ बनने से यह पुल बेकार हो गया। जिसे आज वह पुल को देखने वाला कोई नहीं रहा। जिसकी खामियाजा आज सामने आ रही है। अज्ञात चोरों के द्वारा एक एक कर लोहे का पुल गैस कटर से काटकर गायब करने लगे। लेकिन प्रशासन की आज तक भनक तक नहीं लगी और ना ही तो इसका सुध लेने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि आया और ना पुलिस प्रशासन लेकिन जब यह खबर मीडिया के द्वारा चलाया
गया तो पुलिस प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि हरकत में आई। और इस घटना की जानकारी जिला अधिकारी तक भेजा गया। सबसे पहले वीडियो राकेश कुमार और थाना अध्यक्ष नसीम खान इस बेली ब्रिज के समक्ष पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और सफाई देने लगे कि कि इस लोहे का पुल असामाजिक तत्व द्वारा चोरी किया गया है। हालांकि इस संबंध में कुछ ग्रामीणों ने बताया की यह पुल से पहले कांवरिया यात्री पथ आने जाने के लिए बनाया गया था जो आरसीसी पुल निर्माण हो जाने के कारण इस पुल पर आवागमन बंद हो गया है। बाकी बचे लोहे का पुल अवशेष को खोलकर अगर कांवरिया पथ के भूल भुलैया नदी पर लगा दिया जाए तो फिर से कांवरिया को भारी बरसात में पूर्व पार करने में सुविधा मिलेगी। ज्ञात हो कि 2004 में तत्कालीन जिला पदाधिकारी रशीद अहमद एक योजना के तहत 64 लाख लागत लगाकर लोहे का पुल का निर्माण करवाया। और पुल का नाम झाझा बेली ब्रिज नाम दिया गया। जिसकी उद्घाटन माननीय मंत्री पथ निर्माण विभाग प्रेम कुमार, माननीय मंत्री मत्स्य एवं पशुपालन विभाग बिहार मंत्री रामनारायण मंडल की अध्यक्षता में 13 अगस्त 2008 को संपन्न किया गया था जिसे सांसद गिरधारी यादव के द्वारा उद्दघाटन भी हुआ था।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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