ग्राम समाचार,पंजवारा,बाराहाट,बांका। सरकार द्वारा बिहार को विकास की पटरी पर दौड़ाने के उद्देश्य से हर संभावित राजस्व के स्रोत को तलाशा जा रहा है। सरकारी खजाने में बालू खनन से मिलने वाले राजस्व का भी भरपूर सहयोग है। इसको लेकर सरकार द्वारा प्रतिवर्ष नदियों को पट्टे पर देकर खनन हेतु लाइसेंस जारी किया जाता रहा है। परंतु पंजवारा के सीमावर्ती रनगांव से होकर गुजरने वाली चीर नदी के बालू खनन का पट्टा
आज तक विभाग द्वारा किसी को नहीं दिया गया है। इसके बावजूद बालू के अवैध कारोबारियों द्वारा नदी में मौजूद बेशकीमती सुनहरे बालू को दिनदहाड़े खनन कर बेचा जा रहा है। इन बालू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि खनन के लिए रात के अंधेरे का भी इंतजार नहीं करते हैं। सक्रिय बालू माफियाओं द्वारा प्रतिदिन 20 से 25 ट्रेलर बालू उठाकर क्षेत्र में बेच लाखों रुपए कमाए जा रहे हैं। जबकि सरकारी खजाने को प्रतिदिन इन बालू माफिया द्वारा राजस्व का नुकसान दिया जा रहा है।
कहते हैं अधिकारी-
रण गांव में अवैध खनन की जानकारी हमें नहीं है विभाग द्वारा समय-समय पर सूचना मिलने पर छापेमारी की जाती रही है।उक्त क्षेत्र में किसी को खनन की अनुमति नहीं दी गई है।
कुमार रंजन जिला खनन पदाधिकारी बांका।
ब्रजेश राठौर,ग्राम समाचार संवाददाता,पंजवारा।
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