ग्राम समाचार, पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- पिछले 12 दिनों से राजीव गांधी ग्रामीण में पाइप जलापूर्ति योजना के तहत किया जाने वाला जलापूर्ति ठप हो जाने के कारण पथरगामा बूंद बूंद पानी के लिए तरस गया है| वैसे भी पथरगामा में मीठे पानी का घोर किल्लत है| जलापूर्ति ठप होने के का कारण सुंदर नदी का सुख जाना बताया जा रहा है| इसकी जांच के लिए पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता रामेश्वर गुप्ता और कनीय अभियंता रामचंद्र पूर्वे तथा जलापूर्ति के रखरखाव के जिम्मेवार पंचायत के मुखिया हेमंत कुमार पंडित ने प्लॉट वेरीफिकेशन में पाया कि किसी कारणवश सुंदर नदी में सुंदर डैम से आ रहे पानी को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया है| बहुत पहले से ही बाबा जी पहाड़ स्थित जल मीनार के पास ही बोरिंग कराने की मांग जोर पकड़ने लगी थी| हालांकि लॉकडाउन लगने से पहले जब विधायक प्रखंड मुख्यालय में जनता दरबार लगाते थे उसी वक्त जनता ने बाबा जी पहाड़ पर बोरिंग करने की मांग की थी| लोगों की मांग पर विधायक ने आश्वासन दिया था जो अब तक आश्वासन ही बनकर रह गया है| हालांकि सुंदर नदी सूख जाने की समस्या कोई नई नहीं है प्रत्येक वर्ष ऐसा होता रहता है| इधर मिली खबर के अनुसार जल मीनार के पास पेयजल स्वच्छता विभाग के द्वारा बोरिंग करवाया जा रहा है हालांकि इसकी पुष्टि कार्यपालक अभियंता श्री गुप्ता ने नहीं की है| जबकि मुखिया हेमंत कुमार पंडित का कहना है पेयजल स्वच्छता विभाग के द्वारा ही बोरिंग करवाया जा रहा है| अब बोरिंग कोई करवा रहा हो इससे कोई खास असर नहीं पड़ता क्योंकि जनता को पानी चाहिए| परंतु इसमें राजनीति का प्रवेश नहीं हो ऐसा हो ही नहीं सकता है| पथरगामा पंचायत के मुखिया प्रत्याशी सोनी कुमारी के पति उज्जवल कुमार भगत का कहना है कि उनके प्रयास से पेयजल स्वच्छता विभाग के द्वारा बोरिंग करवाया जा रहा है| अतः बोरिंग का उद्घाटन मैं करूंगा कह कर आदर्श आचार संहिता लागू रहने के बावजूद रविवार को उद्घाटन भी कर दिया| इनके द्वारा किया गया उद्घाटन इस कदर अशुभ रहा कि हजार फिट बोरिंग करने के बावजूद जल का नामोनिशान दूर दूर तक नहीं मिला, जिसके चलते बोरिंग कराना बंद कर दिया गया| सुंदर नदी का सूख जाने और बोरिंग करने पर पानी नहीं निकलने पर पथरगामा को पानी कब मिलेगा इस पर सवालिया निशान लग गया है| हालांकि अभी भी एक समाधान है, और वह है सुंदर डैम के पास मिट्टी डालकर सुंदर नदी को जो बंद किया गया है उसे खोल दिया जाए ताकि जलापूर्ति पुनः सामान्य हो सके और फिर आने वाले बरसात में वर्षा तो होगी ही |
अमन राज:-
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