ग्राम समाचार, पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- पथरगामा समेत आसपास के इलाकों में रविवार को वट सावित्री पूजा की तैयारी में महिलाएं लगी रही। सुहागन महिलाओं के लिए त्योहार का विशेष महत्व है। मेहंदी लगाकर, सोलह सृंगार कर पति की लंबी आयु एवं घर के शांति समृद्धि के लिए पूरे दिन उपवास रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती है। त्यौहार में मुख्य रूप से फल, मिठाइयां और बांस की बनी डलिया और बिनो (पंखा) की जमकर खरीदारी हुई। रविवार को बाजार में लोगो को नए डलिया, पंखा समेत पूजा की सामग्री की खरीददारी करते हुए देखा गया। खरीदारी करने उमड़े महिलाओं की भीड़ को देखते हुए थाना प्रभारी बलिराम रावत ने सुरक्षा की दृष्टि से अवर निरीक्षक सूरज कुमार को दल बल के साथ पथरगामा चौक पर तैनात कर दिया है|बांस से बनी सामग्रियों की बिक्री करने वाले जितेंद्र गुप्ता ने बताया यह समय हमारी बिक्री के लिए बहुत अच्छा समय है। साल भर से इस त्यौहार का इंतजार रहता है। पिछले वर्ष कोरोना से बहुत ज्यादा बिक्री नहीं हुई थी। पुरोहित पुतुल तिवारी ने बताया कि वट सावित्री अमावस्या व्रत करने के पीछे ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वटवृक्ष की परिक्रमा करने पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती रहने का वरदान देते हैं। गांवों-शहरों में जहां वटवृक्ष हैं, वहां सुहागिनों का समूह परंपरागत विश्वास से पूजा करती है।सावित्री ने अपने पति सत्यवान की जान यमराज से वापस मांग ली थी।तब से ज्येष्ठ अमावस्या के दिन त्यौहार मनाया जाता है।
अमन राज
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