रेवाड़ी, 30 मई। सरकार चाहे किसी भी दल की हो, लेकिन अधिकारियों को इसलिए नियुक्त किया जाता है ताकि सरकार की कल्याणकारी नीतियां आमजन तक पहुंचे और आमजन को सरकार की नीतियों का पूरा लाभ मिले, लेकिन अगर आम जनता को उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़े और उन्हें उन नीतियों का कोई लाभ ना मिले तो इसे आप क्या कहेंगे। ऐसा ही कुछ हुआ है रेवाड़ी के रहने वाले एक नाबालिग के साथ, जिसमें अपनी अनाथ पेंशन और बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए मुख्यमंत्री को गुहार लगाई है।
दरअसल, रेवाड़ी का रहने वाला नाबालिक हार्दिक आज अधिवक्ता कैलाश चंद के पास पहुंचा, जिसने बताया कि साल 2015 में उसके पिता और साल 2021 में उसकी माता का स्वर्गवास हो गया, जिसके बाद से वह परिवार में बिल्कुल अकेला है। उसने बताया कि पिता की मौत के बाद उसकी पेंशन तो बनाई गई, लेकिन कुछ समय बाद ही अज्ञात कारणों के चलते वह पेंशन भी बंद कर दी गई।
अब हार्दिक के अनुरोध पर अधिवक्ता कैलाश चंद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उसकी पेंशन और बीपीएल कार्ड बनाने की मांग की है। इस पत्र की प्रति सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व उपायुक्त रेवाड़ी को भी भेजी गई है।
अधिवक्ता कैलाश चंद ने कहा कि बच्चे की मांग बेहद जायज है। इस तरह और भी अनेक बच्चे आए दिन अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन बीपीएल कार्ड बनाने वाली वेबसाइट को बंद हुए लगभग 1 साल से अधिक समय हो गया। उन्होंने कहा कि या तो सरकार बच्चे की मांग पर ध्यान दें। अन्यथा इसे लेकर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
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