रेवाड़ी जिले के कोसली तहसील में आने वाले गाँव झाल में बंदरों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई है कि लोगों का घर से निकलना बहुत मुश्किल हो गया है। प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है पिछले कई दिनों में लोगों को काटने की घटनाएं भी बहुत हो चुकी है 1000 से भी ज्यादा बंदर गांव में हो चुके हैं यदि इसी तरह संख्या बढ़ती गई तो शायद बंदर लोगों के घरों में जबरदस्ती रहने लग जाएंगे। आज कोई भी व्यक्ति बाहर चारपाई व कुर्सी डालकर विश्राम नहीं कर सकता न ही पहले की तरह गर्मी में लोग अपने घरों की छत पर सो सकते हैं हर साल इन बंदरों की संख्या दोगुनी हो रही है यदि अब भी प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो लोगों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। बंदर घरों में घुसकर सामान की तोड़फोड़ करते हैं घरों की छतों पर रखी टंकी केबल इत्यादि सब काट देते हैं बुजुर्ग एवं बच्चों का घर से निकलना लगभग बंद हो गया है। हाल ही में परिवार के एक सदस्य को भी बंदर द्वारा काटा गया जिसे तुरंत अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। इस बारे में मैं पहले भी अपनी रचना से प्रशासन को सचेत कर चुका हूं लेकिन प्रशासन का इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं है।
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