ग्राम समाचार न्यूज रेवाड़ी - पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से न्याय आपके द्वार अभियान के संयोजक नरेश चौहान एडवोकेट ने आग्रह किया है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के चंडीगढ़ स्थित ऐतिहासिक भवन का बंटवारा करवाने की जिद छोड़ कर दोनों राज्यों में उच्च न्यायालय की एक एक खंडपीठ स्थापित करवाने की दिशा में सार्थक पहल करें । दोनों ही राज्य राजनीतिक लड़ाई लड़ते हुए चंडीगढ़ पर दशकों से अपना हक जताते आ रहे हैं । अगर चंडीगढ़ में ही मौजूदा उच्च न्यायालय का बंटवारा करवा लेंगे तो चंडीगढ का कार्यक्षेत्र स्वत संविधान के अनुच्छेद 241 के तहत अलग केंद्र शासित उच्च न्यायालय में चला जाएगा । दोनों राज्यों के दूर दराज क्षेत्रों में पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय की एक एक खंड पीठ की स्थापना अदालतों में लम्बे समय से लंबित लाखों मुकदमों के त्वरित निपटारे में सहायक होगी साथ ही आम नागरिक को सस्ता और सुलभ न्याय उसके करीब ही उपलब्ध हो जाएगा । पंजाब रिओरगनाईजेशन एक्ट 1966 की धारा 36(2) में इसका स्पष्ट उल्लेख है । हरियाणा में बीते 8 साल से सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनाव घोषणापत्र में राज्य के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में खंड पीठ स्थापना का वायदा भी किया गया था ।उल्लेखनीय है कि बीते 22 साल से यह मांग अभियान द्वारा निरंतर उठाई जा रही है लेकिन अफसोस यह है कि कानून के राज में कानून बनाने वाले ही साधारण कानूनी प्रक्रिया को नहीं समझ रहे या राजनीतिक कारणों से समझना नहीं चाहते ।
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Rewari News न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के तहत पंजाब और हरियाणा में हाई कोर्ट की अलग-अलग बेंच स्थापित करने की मांग उठाई
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