ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। सावन माह में नवविवाहित महिलाओं का पर्व मधुश्रावणी सोमवार से प्रारंभ हो गया। चौदह दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मुख्य रूप से नवविवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु का वर भगवान शिव व माता पार्वती से मांगती है। इस पर्व में मुख्य रूप से गौरी-शंकर की कहानी को सुनाई जाती है। पूजा में नवविवाहित महिलाएं दुल्हन के लिवास में सजधज कर बैठती है। आसपास की महिलाओं को हथेली पर महेंदी लगाकर पूजा में कथा सुनने के लिए बुलाया जाता है। मधुश्रावणी पूजा कृष्ण पक्ष के पंचमी के दिन से शुरू होती है। इस व्रत में
नवविवाहित महिलाएं बिना नमक का सेवन कर रहती है। साथ ही व्रत में अनाज व मीठा भोजन खाया जाता है। बौंसी बाजार के शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों में नव विवाहित पत्नी अपने पति के अमर सुहाग के लिए मधुश्रावणी पर्व निष्ठा के साथ कर रही है। पर्व का समापन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 31 जुलाई को होगा। सावन के नाग पंचमी के दिन ही मधुश्रावणी की पूजा के लिए नवविवाहित कन्या पूजा पर बैठती है। पर्व के अंतिम दिन व्रती के ससुराल से पूजन सामग्री, मिठाई,कपड़े,गहने सहित अन्य सामान भेजे जाते हैं। पूजा के दौरान आसपास की महिलाएं भी कथा सुनने के लिए जुटती हैं।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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