ग्राम समाचार पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- आसन्न सुखाड़ की विभीषिका को महसूस कर सापीन नदी स्थित अठगामा डाड़ से जुड़े किसानों ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए सुखाड़ से निपटने के लिए इस चिलचिलाती धूप में अपने शरीर का पसीना बहा कर अठगामा डांड़ की सफाई शुरू कर दी है| मालूम हो कि इस डर से अमडीहा, अंबासंग्राम, चंडीचक, कुमर्सी आदि 8 गांव के किसान प्रत्येक वर्ष मिलकर इसी प्रकार इस डांड़ (नहर) की सफाई कर अपने खेतों तक पानी पहुंचाने का प्रयास करते हैं| विडंबना यह है कि प्रत्येक वर्ष ऐसा कठिन भागीरथी प्रयास कर किसान अपने खेतों तक पानी पहुंचाते हैं बावजूद किसी भी जनप्रतिनिधि का इस समस्या पर ध्यान ही नहीं है| ऐसा नहीं है कि सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है| सापीन नदी में एक चेक डैम बनवा दिया गया है| बताते चलें कि चेक डैम जिस जगह बनाया गया है वह जगह माकूल नहीं है| किसानों ने इसका जबरदस्त विरोध भी किया था परंतु अभियंता ने इनकी एक भी नहीं सुनी| अभियंता ने किसानों को दिवास्वप्न दिखाते हुए की चेक डैम बनने दीजिए उसमें पानी चढ़ा कर दिखा दिया जाएगा कह कर सभी को चुप रहने पर मजबूर कर दिया | चेक डैम में पानी आज तक चढ़ा ही नहीं| चेक डैम सिर्फ ढांक का तीन पात बनकर रह गया| अभियंता के हठधर्मिता के चलते 8 गांव के किसानों के हजारों एकड़ खेतों तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया चेक डैम अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाया| इस नहर में चल रहे श्रमदान से जुड़े किसान पंचायत समिति सदस्य मनोज हांसदा का कहना है कि जिस समय चेक डैम बनने की मंजूरी मिली थी उस वक्त हम किसानों में एक आशा जगी थी की अब हमारे खेत प्यासे नहीं रहेंगे| पर अफसोस है कि यह सपना पूरा नहीं हो पाया| मजबूरन हम किसानों को वही करना पड़ रहा है जो बरसों से करते आ रहे थे|
अमन राज:-
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें