रेवाड़ी 11 जुलाई : डीसी अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि रेजांगला अहीरवाल क्षेत्र के वीर योद्धाओं की शहादत को समर्पित है और दुर्गम बर्फीली चोटी पर अहीरवाल के वीरों द्वारा लिखी गई शहादत की अमर गाथा आज भी युवाओं के जहन में जिंदा है और उनके दिलों में देशभक्ति की भावना जागृत कर रही है। डीसी गर्ग सोमवार को जिला प्रशासन और सूचना,जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रेजांग ला नाटक मंचन के शुभारंभ अवसर पर दर्शकों को संबोधित कर रहे थे। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को समर्पित इस कार्यक्रम का रेवाड़ी शहरवासियों ने जमकर आनंद उठाया। उन्होंने कहा कि देश के वीर सैनिक और जवान जब देश की सीमाओं की पहरेदारी करते हैं तब जाकर हम अपने घरों में चैन व सुख की नींद सोते हैं। डीसी अशोक कुमार गर्ग व 1962 रेजांग ला युद्ध के जीवित सैनिक मोहनपुर निवासी कैप्टन रामचन्द्र ने सयुंक्त रूप से नाटक मंचन का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।
*रेजांगला वार में चीनी सैनिकों पर भारी पड़े थे मेजर शैतान सिंह के जवान*
डीसी गर्ग ने कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध में रेजांग ला की लड़ाई में भारतीय जवानों ने न केवल अपने अदम्य साहस से चीनी सेना को आगे बढऩे से रोका बल्कि उनके लद्धाख पर कब्जा करने के मंसूबे पर भी पानी फेर दिया। रेजांग ला वार में मेजर शैतान सिंह के जवान चीनी सैनिकों पर भारी पड़े थे। इस लड़ाई में मेजर शैतान सिंह को उनके शौर्य के लिए परमवीर चक्र से नवाजा गया। उन्होंने कहा कि साल 1962 के भारत-चीन युद्ध में रेजांग ला की लड़ाई में भारत के जवानों ने वीरता की ऐसी मिसाल पेश की थी, जिसे सुनकर आज भी सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।
नाटक मंचन के उपरांत डीसी ने रेजांग ला के योद्धा राम चन्द्र सहित युद्ध वीरांगनाओं को सम्मान पत्र से नवाजा। वहीं डीसी ने रचनाकार सत्यवीर नाहड़िया द्वारा रेजांग ला की यादगार में प्रस्तुत की गई "दीवाली बासठ की" सीडी का विमोचन भी किया। डीसी ने वीर शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मान देते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी और शहीदों द्वारा दिए गए बलिदानों एवं कुर्बानियों की बदौलत ही हम सब आजादी अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमें देश के वीर सपूतों के त्याग व समर्पण से प्रेरणा लेते हुए इनके दिखाए मार्ग पर आगे बढऩा है और यही हमारी और से इन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि रेजांग ला की लड़ाई का किस्सा हर भारतीय को सुनाना चाहिए ताकि हर भारतीय देश सेवा के प्रति हमेशा तैयार रहे। उन्होंने कहा कि रेंजाग ला में सैनिकों ने मरते दम तक अपना धैर्य नहीं खोया ऐसे महान योद्धाओं पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि चीनी आक्रमण के समय लद्दाख की बर्फीली चोटी पर स्थित रेजांगला पोस्ट पर हुए युद्ध की गौरवगाथा विश्व के युद्ध इतिहास में अद्वितीय है।
*18 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय सैनिकों ने पराक्रम दिखा रचा था इतिहास*
डीसी ने कहा कि 18 नवंबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान 18 हजार फीट की ऊंचाई पर रेजांगला पोस्ट पर कुमाऊं रेजिमेंट के 120 जवानों ने अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया था। भारत के वीर जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान करते हुए चीनी सैनिकों को रेंजाग ला पोस्ट पर कब्जा नहीं करने दिया। इस युद्ध में कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों ने कई चीनी सैनिकों को मार गिराया। मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर शैतान सिंह की अगुआई में वे सभी जवान वीरता की ऐसी कहानी रच गए थे जिसे देश आज भी गर्व से याद करता है। उन्होंने बताया कि रेजांग ला युद्ध मे अहीर वीर सपूतों के बलिदान को दक्षिणी हरियाणा की धरती ही नहीं बल्कि पूरा देश कभी भूला नहीं सकता।
*डीआईपीआरओ दिनेश कुमार ने किया स्वागत -*
डीआईपीआरओ दिनेश कुमार ने डीसी अशोक कुमार गर्ग सहित अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि सूचना,जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा द्वारा नाटक और अन्य देशभक्ति कार्यक्रमों के माध्यम से युवा पीढ़ी को वीर बलिदानियों की गौरवगाथा से रूबरू कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बाल भवन में देशभक्ति से संबंधित डिजिटल प्रदर्शनी लगाकर व जैन पब्लिक स्कूल रेवाड़ी में 1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम नाटक का मंचन करके देश के वीर बलिदानियों की गौरवगाथा को प्रदर्शित किया जा चुका है।
*नाटक देख दर्शक हुए भावुक एवं भाव विभोर*
रेजांग ला नाटक मंचन के दौरान कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से 1962 के भारत-चीन रेजांग ला युद्ध की यादों को ताजा करते हुए दर्शकों को भावुक एवं भाव विभोर कर दिया। रेजांग ला नाटक ने बाल भवन ऑडिटोरियम के माहौल का गमगीन कर दिया तथा ऑडिटोरियम उपस्थित हर दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि देश के वीर बलिदानियों ने देश को आजाद कराने लिए कितने असहनीय कष्ट, दुख-तकलीफें व पीड़ाएं सहन की, जिनकी कुर्बानियों की बदौलत आज हम आजादी की खुली हवा में चैन व सुख की सांस ले रहे हैं।
*नाटक में गौरव सक्सेना ने अदा किया मेजर शैतान सिंह का अहम रोल*
रेजांग ला नाटक के दौरान नाटक के सहायक निर्देशक कमल दीप खटक के निर्देशन में गौरव सक्सेना ने मेजर शैतान सिंह का अहम रोल अदा किया। वहीं नायक दयाल सिंह का अभिनय फराज़ सिद्दकी द्वारा, धनजीत बोरा की भूमिका सुनील बादु, निहाल सिंह का रोल आशीष सैनी, सिंघ राम सिंह की भूमिका आकाश बालियान, जय राम का रोल साहिल, रामचंद्र का अभिनय सुरेश निर्वाण, सतपाल सिंह की भूमिका में अभिमन्यु व सुरजा का रोल निशांत द्वारा निभाया गया। नाटक के दूसरे पक्ष में मंच निर्माण का कार्य दीपक शर्मा, संगीत-प्रदीप भाटिया, प्रकाश व्यवस्था-पवन भारद्वाज, संगीत संचालन- शिवानी दुबे, वस्त्र विन्यास- योगिता शर्मा, मंच प्रबंधक- कमल खटक, मंच सहायक- आकाश बालियान, अजित कुमार, मीना, बुधराम, मोहित सैनी की टीम द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डीसी अशोक कुमार ने 1962 रेजांग ला युद्ध के जीवित सैनिक मोहनपुर निवासी कैप्टन रामचन्द्र से मुलाकात कर उन्हें नमन करते हुए सम्मानित किया।
इस अवसर पर डीसी की धर्मपत्नी रजनी गर्ग, एडीसी स्वपनिल रविंद्रा पाटिल व उनकी धर्मपत्नी मोहिनी पाटिल, सीईओ जिला परिषद रविन्द्र यादव, एसडीएम बावल संजीव कुमार, एसडीएम कोसली होशियार सिंह, सीटीएम देवेंद्र शर्मा, एडिशनल सीईओ जिला परिषद जयप्रकाश, डीपीआरओ दिनेश कुमार, एआईपीआरओ सुरेश गुप्ता, एआईपीआरओ कोसली डा.अश्विनी शर्मा, डीडीपीओ एचपी बंसल, जिला बाल कल्याण अधिकारी वीरेन्द्र यादव, नरेश चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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