एक दशक से निस्वार्थ सेवा भाव से राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से गुमनाम आजाद हिद फौज के सैनिकों का रिकॉर्ड को ढुढकर स्वतंत्रता सेनानी दर्जा दिलाने में प्रयासरत सामाजिक कार्यकर्ता स्वतंत्रता सेनानी परिवार सदस्य श्री भगवान फौगाट द्वारा बताया गया है कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय पर यहाँ के रेवाड़ी महेन्द्रगढ़ बाबल नारनौल के इलाके को नाभा स्टेट और जीन्द स्टेट के नाम से जाना जाता था एवं उनको यह काफी दिनों के अधययन बाद पता चला था इसलिए वह यहाँ के काफी गुमनाम सैनिकों का रिकॉर्ड ही नहीं ढूंढ पाए हैं इसलिए यह अफसोस रहा है॥
दक्षिण हरियाणा के द्वितीय विश्व युद्ध अग्रेजी सेना में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों यहाँ के राजनीतिक दलों यहाँ के प्रशासन से यह अनुरोध है कि उनकी युनिट आर्मी नमबर नाम पता दिलाकर आजाद हिद फौज रिकॉर्ड ढुढने में अतिमहत्वपूर्ण मदद करें एवं यहाँ के पत्रकार ऐसे सैनिकों के परिवारों तक समाचार पहुचाने का हर सभव प्रयास करें
फौगाट ने बताया कि ऐसे सैनिकों का रिकॉर्ड अग्रेजी सेनाओं द्वारा दिया गया था जिससे स्वतंत्रता सेनानी होने कि पहचान करना भी मुश्किल रहा था अत वह गुमनाम रह गए हैं॥ आजादी के अर्मत महोतसव साल में केन्द्र सरकार द्वारा भी गुमनाम नायकों कि जिवनी तैयार करने का दायित्व इतिहासकारों को दिया गया है एवं राज्य सरकार द्वारा भी डिजिटाइजेशन किया जा रहा है ॥
दक्षिण हरियाणा के द्वितीय विश्व युद्ध अग्रेजी सेना शहीद हुए सैनिकों कि युनिट आर्मी नमबर नाम पता रिकॉर्ड कार्यालयों में उपलब्ध है एवं समारको गौरव पटटौ पर भी नाम लिखा गया है अतः यहाँ के प्रशासन द्वारा दिया जा सकता है उससे आजाद हिद फौज रिकॉर्ड ढुढना आसान रहता है॥
जिला प्रशासन रेवाड़ी द्वारा गुमनाम आजाद हिद फौज सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी दर्जा देने की सिफारिश किया गया है जो सराहनीय कदम है॥
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