ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी में अलवर के व्यापारी की हत्या मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। वारदात में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अलवर के मैटल व्यापारी मंगत अरोड़ा को सिर्फ इसलिए मार दिया गया ताकि उसकी पेमेंट न देनी पड़े। अरोड़ा ने रेवाड़ी के व्यापारी अंकित भालिया को तकरीबन 35 लाख रुपए का माल भेजा था। जब पेमेंट की बारी आई तो अंकित आनाकानी करने लगा। कई बरसों से अंकित के साथ बिजनेस कर रहे मैटल व्यापारी मंगतराम अरोड़ा उस पर भरोसा करके मारे गए। पुलिस ने अंकित भालिया और उसके दोनों साथियों को रिमांड पर ले लिया।रेवाड़ी शहर के वार्ड-10 की पार्षद मंजू देवी भालिया का सगा भतीजा अंकित (32) शुरू से शातिर दिमाग रहा है। उसने पूरी प्लानिंग के तहत अलवर के व्यापारी मंगत अरोड़ा से स्क्रैप की डिलिंग की। शुरुआत में पेमेंट एडवांस रखी ताकि मंगत अरोड़ा का भरोसा बन जाए। मंगत अरोड़ा का भरोसा जीत लेने के बाद धीरे-धीरे पेमेंट डिले करना शुरू कर दिया। दूसरी ओर मंगत अरोड़ा अंकित को अच्छा व्यापारी समझकर माल देते रहे। यही भरोसा उनकी मौत का कारण बन गया।
अलवर की स्कीम नंबर-2 में रहने वाले मंगत अरोड़ा 10 अगस्त की सुबह अपनी बाइक पर अलवर से रेवाड़ी के लिए चले। अपने परिवार को कहकर निकले कि रेवाड़ी के अंकित भालिया से पैसे लेने जा रहे है। सुबह करीब सवा 10 बजे मंगत अरोड़ा की अंकित से बात हुई तो अंकित ने मंगत अरोड़ा को दुकान की जगह दिल्ली रोड स्थित गोदाम पर बुला लिया। गोदाम में अंकित की बुआ का बेटा मनोज और उसका साथी दीपक पहले से मौजूद थे। मनोज रेवाड़ी के ही मेहरवाड़ा मोहल्ले में रहता है वहीं दीपक पर पहले से मर्डर का केस दर्ज है। अंकित और मनोज ने एक लाख रुपए का लालच देकर दीपक को अपने साथ मिलाया था।मंगत अरोड़ा के गोदाम पहुंचने के बाद अंकित ने चाय मंगवाई। इसके बाद जैसे ही मंगत अरोड़ा कुर्सी पर बैठे, पीछे से मनोज और दीपक ने तार डालकर उनका गला घोंट दिया। घटना के वक्त गोदाम। रेवाड़ी में मैटल व्यापारी की हत्या में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अलवर के मैटल व्यापारी मंगत अरोड़ा को सिर्फ इसलिए मार दिया गया ताकि उसकी पेमेंट न देनी पड़े। अरोड़ा ने रेवाड़ी के व्यापारी अंकित भालिया को तकरीबन 35 लाख रुपए का माल भेजा था। जब पेमेंट की बारी आई तो अंकित आनाकानी करने लगा। कई बरसों से अंकित के साथ बिजनेस कर रहे मैटल व्यापारी मंगतराम अरोड़ा उस पर भरोसा करके मारे गए। पुलिस ने अंकित भालिया और उसके दोनों साथियों को रिमांड पर लिया है। शहर के वार्ड-10 की पार्षद मंजू देवी भालिया का सगा भतीजा अंकित (32) शुरू से शातिर दिमाग दार रहा है। उसने पूरी प्लानिंग के तहत अलवर के व्यापारी मंगत अरोड़ा से स्क्रैप की डिलिंग की। शुरुआत में पेमेंट एडवांस रखी ताकि मंगत अरोड़ा का भरोसा बन जाए। मंगत अरोड़ा का भरोसा जीत लेने के बाद धीरे-धीरे पेमेंट डिले करना शुरू कर दिया। दूसरी ओर मंगत अरोड़ा अंकित को अच्छा व्यापारी समझकर माल देते रहे। यही भरोसा उनकी मौत का सबब बन गया।
अलवर की स्कीम नंबर-2 में रहने वाले मंगत अरोड़ा 10 अगस्त की सुबह अपनी बाइक पर अलवर से रेवाड़ी के लिए चले। अपने परिवार को कहकर निकले कि रेवाड़ी के अंकित भालिया से पैसे लेने जा रहे है। सुबह करीब सवा 10 बजे मंगत अरोड़ा की अंकित से बात हुई तो अंकित ने मंगत अरोड़ा को दुकान की जगह दिल्ली रोड स्थित गोदाम पर बुला लिया। गोदाम में अंकित की बुआ का बेटा मनोज और उसका साथी दीपक पहले से मौजूद थे। मनोज रेवाड़ी के ही मेहरवाड़ा मोहल्ले में रहता है वहीं दीपक पर पहले से मर्डर का केस दर्ज है। अंकित और मनोज ने एक लाख रुपए का लालच देकर दीपक को अपने साथ मिलाया था। मंगत अरोड़ा के गोदाम पहुंचने के बाद अंकित ने चाय मंगवाई।
इसके बाद जैसे ही मंगत अरोड़ा कुर्सी पर बैठे, पीछे से मनोज और दीपक ने तार डालकर उनका गला घोंट दिया। घटना के वक्त गोदाम टैंक बनाया जा रहा था। आरोपियों ने इसी 4 फुट के टैंक में मंगत अरोड़ा के शव को दबा दिया और ऊपर से रोड़ियों का फर्श भी डाल दिया।
मंगत अरोड़ा के परिजनों ने उसी दिन अलवर में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया, लेकिन रेवाड़ी पुलिस ने सहयोग नहीं किया। शुरूआत में आरोपी अंकित भालिया ने बयान दिया कि मंगत अरोड़ा उनके यहां से 12 लाख रुपए की पेमेंट लेकर गए है, लेकिन बाद में वह खुद ही गायब हो गया।
रविवार की शाम मंगत अरोड़ा का मोबाइल गुरुग्राम के कस्बा बिलासपुर में सड़क किनारे खड़े एक कंटेनर में पड़ा मिला। मोबाइल को ऑन करने वाले अलवर के ही रहने वाले कंटेनर चालक धर्मा तक पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने जब मोबाइल को चैक किया तो उसमें अंकित भालिया की सारी रिकॉडिंग पुलिस के पास पहुंच गई। इसके बाद पुलिस ने मंगत अरोड़ा की बाइक को नूंह जिले से बरामद किया। हत्याकांड के बाद आरोपियों ने मोबाइल और बाइक को अलग-अलग जगह फेंक दिया था। डीएसपी सुभाष चंद्र ने प्रेस कांफ्रेंस कर खुलासा करते हुए मीडिया को बताया कि
मोबाइल हाथ लगने के बाद पुलिस को अंकित की बुआ के लड़के मनोज की जानकारी भी पुलिस को लग गई। पुलिस ने सबसे पहले मनोज को ही हिरासत में लिया और उसके बाद मनोज के साथी दीपक को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। दोनों से सख्ताई से पूछताछ की तो मंगत अरोड़ा की मौत का राज खुल गया।
साथ ही पता चला कि आरोपी अंकित भालिया मर्डर के पास पंजाब के लुधियाना भाग चुका है। अंकित की लोकेशन पता कर रेवाड़ी पुलिस ने पंजाब पुलिस से संपर्क कर उसे लुधियाना में अरेस्ट कराया। अब पुलिस तीनों आरोपियों को रिमांड पर लिया गया है। पुलिस तीनों को साथ बैठाकर पूछताछ करेगी।
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