ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। किसानों को सिंचाई के लिए 1 सप्ताह के बाद चांदन डैम का पानी नहीं मिल पाएगा। किसानों के लिए लाइफलाइन कहे जाने वाले चांदन डैम का जलस्तर लगातार नहर में पानी छोड़े जाने की वजह से 434 फिट हो गया है। बताया जाता है कि, 425 फीट इसका डेड लेवल है। डेड लेवल में पहुंच जाने के बाद डैम से नहर के जरिए किसानों को पानी नहीं मिल पाएगा। मालूम हो कि इस वर्ष बारिश ठीक से नहीं होने के कारण धान की रोपनी नहीं हो पाई है। हालांकि 13 जुलाई से चांदन डैम से मुख्य केनाल और एकोरिया बियर में पानी छोड़े जाने के कारण नहरों के आसपास के किसानों को सुविधा हुई और बड़े पैमाने पर
किसानों के द्वारा धान रोपाई की गई है। लेकिन झारखंड के गिरिडीह, मधुपुर एवं अन्य इलाकों में बारिश नहीं होने के कारण डैम के जलस्तर में बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि, मई, जून के दिन में 482 फीट तक पानी स्टोर था। जो लगातार नहरों में छोड़े जाने के कारण घटता जा रहा है। वर्तमान में मुख्य केनाल के जरिए एक सौ क्यूसेक पानी नहरों में छोड़ा गया है। अगर डैम के केचमेंट एरिया में बारिश नहीं हुई तो 1 सप्ताह के बाद डैम से नहर में पानी देना मुश्किल हो जाएगा। डैम की स्थिति पर नजर रखे हुए गैज रीडर अनिल सिन्हा ने बताया कि, डैम में जल भंडारण की क्षमता 110000 क्यूसेक है। लेकिन 64% से ज्यादा गाद हो जाने के कारण जल भंडारण में कमी आ गई है।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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