ग्राम समाचार, महागामा ब्यूरो रिपोर्ट:- नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:|| नमः प्रकृतियै भद्रायै नियता: प्रणता: अस्मतां । शक्ति उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानि सोमवार को कलश स्थापना के साथ प्रारंभ हो गया। कलश स्थापना के साथ ही मंदिरों व पूजा पंडालों मे विधि विधान के भगवती की आराधना शुरू हो गई नौ दिनों तक अनवरत जारी रहेगा। इस अवसर पर प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रो मे भक्त दुर्गा की आराधना में लीन हो गए। जोर शोर से जहाँ पंडालों को भव्यता दी जा रही है वहीं मूर्तिकार प्रतिमाओं को जीवंत रूप देने में जुटे हुए हैं। बोआरीजोर बाजार, श्रीपुर बाजार, ईटहरी, भलगोड़ा डूमरिया,ललमटिया, केडोबाज़ार और पहली मर्तवा लोहंडिया पुनर्वास स्थल पर निष्ठा भाव से कलश की स्थापना कराई गई है जहाँ दुर्गा सप्तशती के पाठ से माहौल पूरी तरह गुंजायमान है। पंडित पंकज चतुर्वेदी राघवेंद्र बाबा ने बताया कि शारदीय नवरात्र के नौ दिन शक्ति के साधना का अवसर आता हैं। शास्त्रों की मान्यता है कि देवी इन नौ दिनों में पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों को मनोवांछित फल देती हैं। नवरात्र मे देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जानी है। इस बार माँ का आगमन हाथी पर हुआ है जो सुख-समृद्धि का संकेतक है।
Mahagama News: कलश स्थापना के साथ शक्ति आराधना का महा पर्व शारदीय नवरात्र प्रारंभ
ग्राम समाचार, महागामा ब्यूरो रिपोर्ट:- नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:|| नमः प्रकृतियै भद्रायै नियता: प्रणता: अस्मतां । शक्ति उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानि सोमवार को कलश स्थापना के साथ प्रारंभ हो गया। कलश स्थापना के साथ ही मंदिरों व पूजा पंडालों मे विधि विधान के भगवती की आराधना शुरू हो गई नौ दिनों तक अनवरत जारी रहेगा। इस अवसर पर प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रो मे भक्त दुर्गा की आराधना में लीन हो गए। जोर शोर से जहाँ पंडालों को भव्यता दी जा रही है वहीं मूर्तिकार प्रतिमाओं को जीवंत रूप देने में जुटे हुए हैं। बोआरीजोर बाजार, श्रीपुर बाजार, ईटहरी, भलगोड़ा डूमरिया,ललमटिया, केडोबाज़ार और पहली मर्तवा लोहंडिया पुनर्वास स्थल पर निष्ठा भाव से कलश की स्थापना कराई गई है जहाँ दुर्गा सप्तशती के पाठ से माहौल पूरी तरह गुंजायमान है। पंडित पंकज चतुर्वेदी राघवेंद्र बाबा ने बताया कि शारदीय नवरात्र के नौ दिन शक्ति के साधना का अवसर आता हैं। शास्त्रों की मान्यता है कि देवी इन नौ दिनों में पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों को मनोवांछित फल देती हैं। नवरात्र मे देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जानी है। इस बार माँ का आगमन हाथी पर हुआ है जो सुख-समृद्धि का संकेतक है।
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